

कानपुर में मंगलवार को डाक्टरों के न आने के कारण मरीजों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मरीजों की लाइन बढ़ती गई लेकिन फिर भी डाक्टर नहीं आए।
कानपुर: शहर में मंगलवार को आईएमए की एकदिवसीय हड़ताल रही। इसके तहत शहर के सभी डॉक्टरों ने आंदोलन किया और हड़ताल पर रहे। इस दौरान नर्सिंग होम में लोगों के लिए इमरजेंसी सेवाएं खुली हुई थीं। डॉक्टरों पर लगातार बढ़ते उत्पीड़न के विरोध में आईएमए एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एस. के. कटियार ने एकदिवसीय हड़ताल का एलान किया। इस दौरान शहर के सभी अस्पतालों और क्लिनिक में सन्नाटा पसरा रहा।
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हड़ताल का आलम ये रहा कि मरीज डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहे लेकिन डाक्टर हड़ताल के आगे नहीं छुके। वहीं शहर के कुछ क्लीनिक खाली पड़े रहे। खबरों के मुताबिक आईएमए एसोसिएशन की तरफ से दिल्ली में रैली निकाली जाएगी। ‘दिल्ली चलो आईएमए मार्च’ राजघाट से इंदिरा गांधी स्टेडियम तक निकाला जाएगा। आईएमए के इस आंदोलन में शहर के कई बड़े डॉक्टर शामिल हो सकते हैं।
हड़ताल में ये रहीं मांगे
1. डाक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए केंद्र स्तर पर सख्त कानून बनाया जाए।
2. छोटी मोटी गलतियों पर डॉक्टर्स पर की जाने वाली कार्यवाही को रोका जाये।
3. डाक्टरों को अपने पर्चे पर लिखने की आजादी दी जाए।
4. क्लिनिक इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन हो।
डाक्टरों की हड़ताल से परेशान हुए मरीज
एकदिवसीय हड़ताल के चलते शहर के प्राइवेट अस्पतालों और क्लिनिक खाली पड़े रहे। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा। हालांकि मेडिकल सेवाएं चल रही हैं लेकिन डॉक्टर्स के न रहने से मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ा। मरीज के परिजन के अनुसार हड़ताल की जानकारी ना होने के कारण उन्हें दर-दर भटकना पड़ा।
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