कंझावला हॉरर डेथ केस: आरोपी दीपक खन्ना को अदालत ने दी जमानत
दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला में 31 दिसंबर की रात एक कार से 20 वर्षीय युवती को घसीटने के मामले में आरोपी दीपक खन्ना को जमानत दे दी। कई किलोमीटर तक कार से घसीटने के कारण युवती की मौत हो गई थी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला में 31 दिसंबर की रात एक कार से 20 वर्षीय युवती को घसीटने के मामले में आरोपी दीपक खन्ना को जमानत दे दी। कई किलोमीटर तक कार से घसीटने के कारण युवती की मौत हो गई थी।
अदालत ने कहा कि खन्ना के खिलाफ आरोपों से यह नहीं पता चलता है कि वह हत्या के अपराध के लिए अन्य आरोपियों के साथ साजिश में शामिल था और जमानती अपराधों के मामले में राहत रियायत के रूप में नहीं बल्कि बल्कि अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) नीरज गौड़ ने शुक्रवार को पारित आदेश में कहा, ‘‘अर्जी मंजूर की जाती है और याचिकाकर्ता या आरोपी को 25,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दी जाती है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी के खिलाफ आरोपों से यह नहीं पता चलता है कि वह भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत गंभीर अपराध के लिए अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ साजिश में शामिल था।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आईपीसी की धारा 201, 212 और 182 के तहत अपराध जमानती हैं। जमानती अपराधों के मामले में जमानत रियायत के रूप में नहीं बल्कि अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।’’
न्यायाधीश ने आरोपी को सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने और अपने आवासीय पते में बदलाव की स्थिति में अदालत को सूचित करने के लिए कहा।
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न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र के मुताबिक कार में बैठे आरोपी अमित खन्ना, कृष्ण, मनोज मित्तल और मिथुन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 लगाई गई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि शिकायत के अनुसार अमित खन्ना को बचाने के लिए आशुतोष भारद्वाज (कार मालिक) और अंकुश (अमित खन्ना के भाई) सहित आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश रची थी। दीपक खन्ना को जांच को गुमराह करने के वास्ते पुलिस के सामने झूठी गवाही देने के लिए कुछ धन देने का वादा किया गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, भारद्वाज और अंकुश को पहले ही जमानत मिल चुकी है। दिल्ली पुलिस ने एक अप्रैल को सात आरोपियों के खिलाफ 800 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।