

बेंगलुरु में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने आईईडी बनाने में निपुण जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक आतंकवादी को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
नई दिल्ली: बेंगलुरु में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने आईईडी बनाने में निपुण जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक आतंकवादी को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि असम के बारपेटा जिले के परपारा का रहने वाला आरिफ हुसैन डकैती करके आतंकवादी समूह के लिए निधि अर्जित करने से जुड़े मामले में सजा पाने वाला जेएमबी का आठवां आतंकवादी है।
संघीय एजेंसी ने कहा कि हुसैन को भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून और शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया गया है। अदालत ने उस पर जुर्माना भी लगाया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आईईडी विशेषज्ञ हुसैन ने विस्फोटक बनाने में सह-आरोपियों को प्रशिक्षण दिया था। डकैती करने के बाद उसने लूटा हुआ सोना असम में बेचा और उससे मिले पैसों का इस्तेमाल भारत में जेएमबी की गतिविधियां बढ़ाने में किया।
पिछले साल नवंबर में बेंगलुरु में विशेष एनआईए अदालत ने तीन लोगों नजीर शेख, हबीबुर रहमान और मुसारफ हुसैन को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी थी।
प्रवक्ता ने बताया कि बाद में चार और लोगों खादर काजी, मुस्तफिजुर रहमान, आदिल शेख और अब्दुल करीम ने भी दोष स्वीकार कर लिया और उन्हें सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी थी।
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