झारखंड के परिवहन सचिव ने माफी मांगी, उच्च न्यायालय ने अवमानना कार्यवाही वापस ली

डीएन ब्यूरो

झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रदेश के परिवहन सचिव के. श्रीनिवासन के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को वापस ले लिया। इससे पहले श्रीनिवासन ने अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांग ली थी।

झारखंड उच्च न्यायालय (फ़ाइल)
झारखंड उच्च न्यायालय (फ़ाइल)


रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रदेश के परिवहन सचिव के. श्रीनिवासन के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को वापस ले लिया। इससे पहले श्रीनिवासन ने अदालत के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांग ली थी।

श्रीनिवासन के खिलाफ अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वारंट की तामील करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने श्रीनिवासन को अदालत में पेश किया।

न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर ने अधिकारी की माफी को स्वीकार कर लिया और उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही को वापस ले लिया।

उच्च न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें दावा किया गया था कि परिवहन विभाग में एक दशक से अधिक समय से मोटर वाहन निरीक्षकों के 49 पद खाली पड़े हैं।

अदालत ने 29 मार्च को परिवहन सचिव को मामले में हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा था।

अदालत ने सचिव को यह विस्तार से बताने का निर्देश दिया था कि मोटर वाहन निरीक्षक के पद इतने लंबे समय से खाली क्यों हैं।

सचिव ने जवाब नहीं दाखिल किया जिसके बाद उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की और अदालत में उपस्थित रहने को कहा।

श्रीनिवासन ने कहा कि वह छह अप्रैल से शहर से बाहर थे और इसलिए शपथपत्र दायर नहीं कर सके।










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