झारखंड सरकार सूक्ष्म सिंचाई योजना के लिए किसानों के आधार कार्ड के दुरूपयोग की जांच करेगी

डीएन ब्यूरो

झारखंड सरकार केंद्र की सूक्ष्म सिंचाई योजना ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ का लाभ उठाने के लिए राज्य के कई हिस्सों में ‘आधार’ का कथित तौर पर दुरूपयोग किये जाने की जांच करेगी।

किसान (फाइल)
किसान (फाइल)


रांची: झारखंड सरकार केंद्र की सूक्ष्म सिंचाई योजना ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ का लाभ उठाने के लिए राज्य के कई हिस्सों में ‘आधार’ का कथित तौर पर दुरूपयोग किये जाने की जांच करेगी।

कुछ प्रखंडों के किसानों ने आरोप लगाया था कि उनकी जानकारी के बगैर योजना का लाभ उठाने के लिए उनके ‘आधार’ का दुरूपयोग किया गया।

झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।

पत्रलेख ने कहा, ‘‘हजारीबाग उपमंडल अधिकारी चार सदस्यीय समिति का नेतृत्व करेंगे क्योंकि अनियमितता के ज्यादातर मामले इसी जिले में सामने आये हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

कुछ किसानों ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई उपकरण उनके खेतों में फेंक दिये गये, जबकि उन्होंने योजना के लिए आवेदन नहीं किया था।

किसानों ने आरोप लगाया है कि योजना को लागू करने के काम में लगाई कई कुछ कंपनियों ने लाभार्थी सूची बनाने के लिए उनकी जानकारी के बगैर उनके आधार कार्ड का दुरूपयोग किया। योजना के तहत, किसान उपकरण की कुल राशि का 10 प्रतिशत भुगतान करते हैं, जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है।

झारखंड के कृषि सचिव अबूबकर सिद्दिकी ने कहा, ‘‘हम जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि किसी मध्यस्थ या एजेंट ने भूमि या आधार सहित किसान के विवरण का ऑनलाइन दुरूपयोग करने के लिए आवेदन किया होगा, तो तीसरे पक्ष ने बगैर सत्यापन के इसे कैसे सत्यापित किया होगा।’’

उन्होंने कहा कि अंतिम सत्यापन के लिए जिम्मेदार तीसरे पक्ष की सेवा राज्य सरकार ने नहीं ली थी, बल्कि ‘‘नाबार्ड की कंसल्टेंसी एनएबीसीओएनएस (नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज) द्वारा ली गई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जांच पूरी होने पर हर चीज स्पष्ट हो जाएगी।’’

 










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