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भारत के इतिहास में 14 जनवरी की तारीख का एक खास महत्व है।
नई दिल्ली: भारत के इतिहास में 14 जनवरी की तारीख का एक खास महत्व है। 1761 में 14 जनवरी के दिन अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली की सेना और मराठों के बीच पानीपत की तीसरी लड़ाई हुई थी। इस युद्ध को 18वीं सदी के सबसे भयंकर युद्ध के रूप में याद किया जाता है, जिसमें मराठों को हार का सामना करना पड़ा। इस लड़ाई में एक ही दिन में हजारों लोगों की मौत हुई और मराठों के बढ़ते साम्राज्य विस्तार पर न सिर्फ रोक लग गई बल्कि औरंगजेब की मौत के बाद कमजोर हुए मुगलिया शासन के स्थान पर देश में भगवा परचम लहराने की संभावनाएं भी धूल में मिल गईं।
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देश दुनिया के इतिहास में 14 जनवरी की तारीख्र पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है: -
1514 : पोप लियो दशम ने दासता के विरुद्ध आदेश पारित किया ।
1551: अकबर के नवरत्नों में शामिल अबुल फजल का जन्म ।
1760: फ्रांसीसी जनरल लेली ने पांडिचेरी को अंग्रेज़ों के हवाले कर दिया ।
1761 : मराठों और अफगान शासक अहमद शाह अब्दाली के बीच पानीपत की तीसरी लड़ाई।
1809 : इंग्लैंड और स्पेन ने ‘नेपोलियन बोनापार्ट‘ के ख़िलाफ़ गठबंधन किया ।
1926 : प्रख्यात लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी का जन्म । 1969 : मद्रास का नाम बदलकर तमिलनाडु रखा गया।
1937 : छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद का निधन ।
1974 : विश्व फुटबाल लीग की स्थापना की गयी।
1975 : सोवियत संघ ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को समाप्त किया।
1982 : इंदिरा गांधी ने नये 20 सूत्री आर्थिक कार्यक्रम का ब्यौरा पेश किया।
2007: नेपाल में अंतरिम संविधान को मंजूरी मिली। (भाषा)
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