प्रेरक पहल: दिवंगत पत्नी की इच्छा पूरी करने निकला सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, ये नेक अभियान किया शुरू

डीएन ब्यूरो

एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने दिवंगत पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों के लिए स्थापित किए गए एक 'मुफ्त' प्राथमिक विद्यालय के संचालन का जिम्मा उठाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बच्चों के लिए संघ विद्या केंद्र का संचालन (फाइल फोटो)
बच्चों के लिए संघ विद्या केंद्र का संचालन (फाइल फोटो)


जम्मू: जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने दिवंगत पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों के लिए स्थापित किए गए एक 'मुफ्त' प्राथमिक विद्यालय के संचालन का जिम्मा उठाया है। इस विद्यालय की स्थापना उनकी पत्नी ने की थी और गत अप्रैल में मृत्यु से पहले तक वह इसका संचालन कर रही थी।

शिक्षक दिवस के अवसर पर, रोमेश चंदर खजूरिया ने मंगलवार को याद किया कि कैसे उन्होंने अपनी पत्नी कंचन शर्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। कंचन ने लगभग 19 साल पहले मराठा बस्ती में अस्थायी विद्यालय 'संघ विद्या केंद्र' की शुरुआत की थी।

कानून और संसदीय कार्य विभाग के अतिरिक्त सचिव के पद से वर्ष 2012 में सेवानिवृत्त हुए खजूरिया ने कहा, 'मेरी पत्नी की मृत्यु के बाद, मैंने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया कि विद्यालय चलता रहे। हालांकि यह मेरा क्षेत्र नहीं था लेकिन मैंने इसे मानवता की सेवा के रूप में लिया है।''

सरकारी स्कूल की शिक्षिका रहीं कंचन द्वारा स्थापित विद्यालय में 60 से अधिक छात्र और चार शिक्षक हैं।

खजूरिया ने बताया कि कंचन का विश्वास था कि गरीबी को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय शिक्षा है।

उन्होंने कहा कि अब उन्होंने पत्नी की इच्छा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया है और उन्हें इस बात का गर्व है कि अब तक झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले सैकड़ों बच्चे शिक्षा हासिल कर चुके हैं।

खजूरिया ने कहा कि इनमें से चार बच्चे स्नातक की शिक्षा पूरी कर चुके हैं और कई अन्य उच्चतर कक्षाओं में अध्ययनरत हैं।

उन्होंने कहा कि हम कक्षा पांच तक शिक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन इसके बाद हमारे शिक्षक अभिभावकों से संपर्क कर यह सुनिश्चित करते हैं कि बच्चों का इसके बाद की कक्षाओं में दाखिला हो और उनकी पढ़ाई नहीं रुके।










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