जम्मू कश्मीर: पुलवामा में लैवेंडर बना किसानों की पसंदीदा फसल

जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में अपनी बेहतरीन खुश्बू के लिए मशहूर लैवेंडर किसानों के लिए पसंदीदा फसल बनकर उभरा है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 July 2023, 5:43 PM IST
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पुलवामा: जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में अपनी बेहतरीन खुश्बू के लिए मशहूर लैवेंडर किसानों के लिए पसंदीदा फसल बनकर उभरा है।

अपने औषधीय गुणों और बेहतर मुनाफे की संभावना के कारण लैवेंडर की खेती श्रीनगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित क्षेत्र में कई किसानों की पसंदीदा हो गयी है। श्रीनगर को कश्मीर में सबसे उपजाऊ क्षेत्र माना जाता है।

श्रीनगर की रहने वालीं कृषि उद्यमी मदीहा तलत ने कहा, “हम पहले इसका तेल निकालते हैं और फिर उसका प्रसंस्करण करते हैं। लैवेंडर की खेती में अपार संभावनाएं हैं। लैवेंडर की खेती ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भी अवसर खोल दिए हैं।”

तलत ने कहा, “हम कच्चे तेल का निर्यात करते हैं। हमारी पारंपरिक फसलों की तुलना में इसका निर्यात बाजार बड़ा है। इसलिए अन्य पारंपरिक फसलों की अपेक्षा यह ज्यादा मुनाफे वाली फसल है। इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है और इसके फायदे भी ज्यादा हैं।”

इसके अलावा, लैवेंडर की पत्तियों को चाय के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है और इनसे तेल बनाकर उसे चिकित्सा और मालिश में भी प्रयोग किया जा सकता है।

तलत ने अपना खुद का ब्रांड रूहपोश शुरू किया है और त्वचा की देखभाल में इस्तेमाल किए जाने वाले विभिन्न उत्पादों में लैवेंडर के तेल का उपयोग करती हैं।

उन्होंने कहा, “विदेशों में लैवेंडर की चाय बहुत लोकप्रिय है। शरीर की मालिश के लिए भी कई देशों में इसके तेल का इस्तेमाल किया जाता है।”

लैवेंडर की खेती से स्थानीय युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार भी पैदा होते हैं।

पिछले तीन साल से लैवेंडर की खेती कर रहीं पुलवामा निवासी सीरत जान ने कहा, “हम प्रतिदिन कम-से-कम एक क्विंटल कच्चा माल इकट्ठा कर लगभग 370 रुपये कमाते हैं। यहां 30-35 महिलाएं और कुछ पुरुष भी काम करते हैं। हमारी जीविका इसी से चलती है।”

 

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