केरल जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं: राज्य की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा

डीएन ब्यूरो

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की विधायक एवं केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा है कि उनके राज्य को जीतना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए आसान नहीं है क्योंकि वहां के लोग इसकी साम्प्रदायिक विचारधारा को स्वीकार नहीं करेंगे।

स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा (फाइल)
स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा (फाइल)


नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की विधायक एवं केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा है कि उनके राज्य को जीतना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए आसान नहीं है क्योंकि वहां के लोग इसकी साम्प्रदायिक विचारधारा को स्वीकार नहीं करेंगे।

अपने संस्मरण ‘माय लाइफ ऐज ए कॉमरेड: द स्टोरी ऑफ ऐन एक्सट्राऑर्डिनरी पोलीटिशियन एंड द वर्ल्ड दैट शेप्ड हर’ के विमोचन से पहले उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक साक्षात्कार में अपनी पार्टी (माकपा) की चुनावी संभावनाओं, कोविड-19 के खिलाफ राज्य की लड़ाई में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका, वाम राजनीति में आने लिए अपनी दादी से प्रभावित होने सहित अन्य मुद्दों पर विस्तार से बोला।

केरल में प्रभाव बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जोर लगाने, खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के ईसाई समुदाय से संपर्क साधने और केरल के जल्द ही भाजपा के पास होने संबंधी उनकी (मोदी की) टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर शैलजा ने कहा, ‘‘केरल जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘केरल ने भाजपा की साम्प्रदायिक विचारधारा खारिज कर दी है। यह पिछले विधानसभा चुनावों में एक सीट भी नहीं जीत सकी थी।’’

कन्नूर जिले के मत्तनूर से विधायक शैलजा ने कहा, ‘‘हम एक पार्टी के रूप में भी राज्य के धर्मनिरपेक्ष तानाबाना को नष्ट नहीं होने देंगे। अन्यथा समाज ध्वस्त हो जाएगा।’’

कभी पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में दशकों तक सत्ता में रही तथा अब अपने एकमात्र गढ़ (केरल) को बचाने में जुटी पार्टी (माकपा) के लिए आगे की राह पर उन्होंने कहा, ‘‘हम हार नहीं मान सकते। हमें मुकाबला करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अब भी मजदूर संघ आंदोलनों और कृषि संघों में मजबूत हैं। हम अग्रिम मोर्चे पर आने और पहले की तरह नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि पूर्व के मौकों की तरह हमारे पास केंद्रीय प्रतिनिधित्व नहीं है।’’

शैलजा ने उम्मीद जताई कि लोकतांत्रिक मोर्चा एकजुट होगा और सांप्रदायिकता विरोधी सभी दल भाजपा को हराने के लिए एकजुट होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘विपक्ष को भाजपा द्वारा देश के लिए पैदा किये जा रहे खतरे को समझना चाहिए।’’

‘माय लाइफ ऐज ए कॉमरेड’ की सह-लेखिका मंजू सारा रंजन हैं और इसका प्रकाशन जगरनॉट बुक्स ने किया है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री रहने के दौरान शैलजा ने निपाह वायरस के प्रसार और कोविड-19 संकट से निपटा था तथा उस दौरान पेश आईं चुनौतियों के बारे में पुस्तक में विस्तार से लिखा है।

हालांकि, चुनाव जीतने और स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर सराहे जाने के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार में जगह नहीं मिली थी।

उन्होंने पुस्तक में लिखा है, ‘‘हर चीज बदलती है और आपको इसे स्वीकार करना चाहिए।’’

 










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