विवेकानंद के प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे।
शाह ने देशवासियों को ‘‘राष्ट्रीय युवा दिवस’’ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रनिर्माण के लिए स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों से युवाओं को राष्ट्रवाद, आध्यात्म व कर्तव्यपरायणता के वास्ते प्रेरित किया।
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उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘विवेकानंद जी जातिवाद व सामाजिक आडंबरों के प्रखर आलोचक व सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उन्होंने युवाओं में राष्ट्र चेतना जागृत करने के साथ ही आधुनिकता से अध्यात्म को जोड़ने के विचार दिए। उनका असीम ज्ञान और प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का एक केंद्र बने रहेंगे।’’
अमेरिका के शिकागो में आयोजित धर्मसभा में अपने धाराप्रवाह भाषण से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था।
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स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना। स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच और यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है।
उन्होंने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। रामकृष्ण परमहंस विवेकानंद के गुरू थे जिनके नाम पर उन्होंने इस मिशन का नाम रखा।