नॉटिंघम हमले में भारतीय मूल की किशोरी समेत तीन लोगों की मौत

डीएन ब्यूरो

मध्य इंग्लैंड के नॉटिंघम में हुए चाकू से सिलसिलेवार हमले के शिकार लोगों में भारतीय मूल की मेडिकल छात्रा भी शामिल है। वह हॉकी और क्रिकेट खिलाड़ी थी।

मौत (फाइल)
मौत (फाइल)


लंदन: मध्य इंग्लैंड के नॉटिंघम में हुए चाकू से सिलसिलेवार हमले के शिकार लोगों में भारतीय मूल की मेडिकल छात्रा भी शामिल है। वह हॉकी और क्रिकेट खिलाड़ी थी।

मंगलवार को हुए इन हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई। 19 वर्षीय ग्रेसी ओमाले कुमार नॉटिंघम विश्वविद्यालय में सहपाठी एवं क्रिकेटर दोस्त बरनबी वेबर के साथ थी जब हमलावर ने मंगलवार तड़के उन दोनों पर चाकू से हमला कर दिया। इस घटना में दोनों की मौत हो गई। हमलावर की पहचान उजागर नहीं की गई है।

नॉटिंघमशायर पुलिस के अनुसार, 31 वर्षीय संदिग्ध हिरासत में है। उसने करीब 60 वर्षीय एक व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी और उसकी वैन चुराकर तीन लोगों को कुचलने की कोशिश की जो अब भी अस्पताल में भर्ती हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ के सत्र की शुरुआत में कहा, “ मैं जानता हूं कि कल नॉटिंघम में हैरान कर देने वाली घटना पर जारी प्रतिक्रिया के लिए पूरा सदन आपातकालीन सेवाओं को धन्यवाद देना चाहेगा। हमारी संवेदनाएं घायलों और मृतकों के परिवारों के साथ हैं।”

गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने 'भयानक घटना' पर संसद को जानकारी देने के लिए बाद में एक बयान दिया और पुष्टि की कि इस स्तर पर इसे आतंकवादी हमला नहीं माना जा रहा है।

उन्होंने कहा, “ मैं सदन को बता सकता हूं कि पुलिस पूरे तथ्यों को स्थापित करने और सभी प्रभावितों को सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से काम कर रही है।”

गृह मंत्री ने कहा, “ उन्हें फिलहाल इन हमलों की मंशा को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं है, लेकिन मैं पुष्टि कर सकता हूं कि नॉटिंघमशायर पुलिस की आतंकवाद रोधी पुलिस सहायता कर रही है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि फिलहाल इसे आतंकवादी हमले के तौर पर लिया जा रहा है।”

ब्रेवरमैन ने कहा कि हमलों में एक चाकू का इस्तेमाल किया गया था, जिसके शिकार लोगों में से दो नॉटिंघम विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे और तीसरा व्यक्ति - एक स्थानीय स्कूल केयरटेकर इयान कोट्स था जो करीब 60 वर्ष के थे और वैन के मालिक थे।

इससे पहले, नॉटिंघमशायर पुलिस की मुख्य कांस्टेबल केटी मेनेल ने एक बयान में कहा, “ हम पूर्वाग्रह से मुक्त हैं और आतंकवाद रोधी पुलिस के साथ तथ्यों को स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं... हम इस तरह की परिस्थितियों में ऐसा करते हैं।”

उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक टीम इन घटनाओं से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रही है तथा आने वाले दिनों में सबूतों को जुटाना जारी रहेगी।

ग्रैसी लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर संजॉय कुमार की बेटी थीं। संजॉय कुमार को ‘नायक’ चिकित्सक बताया जाता है जिन्होंने 2009 में चाकूबाज़ी में जख्मी हुए कुछ किशोरों की जान बचाई थी।

ग्रैसी के परिवार ने कहा कि वे उसकी मौत से ‘‘बुरी तरह टूट’’ गए हैं।

कुमार परिवार ने बयान में कहा कि उसके माता-पिता अपने दुख को शब्दों में बयां नहीं कर सकते।

बयान के मुताबिक, उसकी महत्वाकांक्षा डॉक्टर बनने की थी और वह इसके लिए मेडिकल की प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी जबकि वह विश्वविद्यालय में हॉकी भी खेलती थी। इसके मुताबिक, ग्रैसी की प्ररेणा उसके पिता डॉ संजॉय कुमार थे।

विश्वविद्यालय की कुलपति शियरर वेस्ट ने कहा कि वह प्रतिभाशाली खिलाड़ी थी जो अंडर 16 और अंडर 18 में इंग्लैंड हॉकी टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय हॉकी खेल चुकी थी और एसेक्स की अंडर 15 महिला क्रिकेट टीम के लिए भी उसने खेला था।

खेल निकाय इंग्लैंड हॉकी ने कहा, ‘‘मंगलवार को नॉटिंघम में ग्रेसी कुमार की दुखद मौत की खबर से हम सभी को गहरा दुख हुआ है।”

एसेक्स में वुडफोर्ड वेल्स क्रिकेट क्लब ने ग्रेसी कुमार को 'कठोर प्रतिस्पर्धी, प्रतिभाशाली और समर्पित क्रिकेटर' बताया।

अन्य मृतक बरनबी वेबर के परिवार ने एक बयान जारी कर अपना दुख जाहिर किया है।

 










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