भारतीय सेना समूचे देशवासियों की शक्ति का प्रतीक: योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सेना के मध्य कमान (सूर्या कमान) में आयोजित तीन दिवसीय 'नो योर आर्मी' समारोह की शुरुआत की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सेना के मध्य कमान (सूर्या कमान) में आयोजित तीन दिवसीय 'नो योर आर्मी' समारोह की शुरुआत की।
इस दौरान सिख रेजीमेंट के जवानों ने साहसिक पंजाबी धुनों पर अपने पारंपरिक शौर्य कला का शानदार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें सेना के साजो-सामान के साथ ही अत्याधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया गया।
एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियों से विभिन्न हथियारों और सैन्य सामानों के बारे में जानकारी भी ली।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना देश के 140 करोड़ जनता की शक्ति और साहस का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एक सशक्त सेना ही सुरक्षित और संप्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकती है।
पहली बार देश की राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित हो रहे 'नो योर आर्मी' फेस्टिवल के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का विशेष रूप से धन्यवाद दिया।
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उन्होंने कहा कि समारोह के लिए लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड को चुना जाना गर्व की बात है। यह प्रदेश के युवाओं को नजदीक से भारतीय सेना को जानने और सेना के शौर्य एवं पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर है।
मुख्यमंत्री ने सिख रेजिमेंट के शौर्य कला प्रदर्शन को शानदार बताते हुए कहा कि ये भारत की प्राचीन कला है, जिसके जरिए हमारे पारंगत युवा आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब देते थे।
योगी ने कहा कि 'नो योर आर्मी' महोत्सव के जरिए न सिर्फ सेना के साजो-सामान और हथियारों की प्रदर्शनी को देखने का अवसर हमें मिल रहा है, बल्कि इसके जरिए सेना की शक्ति, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की निष्ठा को भी नजदीक से जानने समझने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह सेना के हथियारों, उनकी कार्यशैली, और कार्य कुशलता को भी जानने का अवसर है, जिससे सामान्यत: जनता अनभिज्ञ रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए लड़ी गई हर लड़ाई में हमारे जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश की सुरक्षा करते हुए हमारे जवानों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।
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प्रदेश सरकार भी सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के हितों के लिए पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। सरकार वीरगति प्राप्त करने वाले वीरों के परिजनों को 50 लाख की धनराशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कार्य करती है।
उन्होंने कहा कि देश आज प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। ऐसे में सेना के लिए हथियारों और साजो-सामान के मामले में भी हम तेजी के साथ आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि देश में 100 नये सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। इनमें से उप्र में 16 सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वृंदावन में बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल प्रारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश को ना सिर्फ पहला सैनिक स्कूल देने वाला राज्य है, बल्कि बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू करने वाला भी पहला राज्य बन गया है।
इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पूर्व मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में सेना के अधिकारी, जवान और सैनिकों के परिवारजन मौजूद रहे।