भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर ने कबूला अपना जुर्म, जानिये मरीजों को अवैध दवाएं देने का बड़ा मामला

डीएन ब्यूरो

अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में 76 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर ने मरीजों को नशीले पदार्थ समेत अवैध दवाएं एवं अन्य चिकित्सकीय परामर्श वाले पर्चे लिखने के एक पुराने मामले में अपना जुर्म कबूल लिया है।

प्रतीकात्मक चित्र
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न्यूयॉर्क (अमेरिका): अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में 76 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर ने मरीजों को नशीले पदार्थ समेत अवैध दवाएं एवं अन्य चिकित्सकीय परामर्श वाले पर्चे लिखने के एक पुराने मामले में अपना जुर्म कबूल लिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यूएस अटॉर्नी फिलिप ए. टॉलबर्ट की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, मोडेस्टो निवासी स्वतंत्र चोपड़ा ने पिछले बुधवार को वैध चिकित्सकीय उद्देश्य से परे और पेशेवर डॉक्टरी के पेशे से हटकर अवैध दवाएं और चिकित्सकीय सामग्री लिखने का जुर्म कबूल लिया।

बयान के अनुसार इन दवाओं में अत्यधिक नशा होता है और आमतौर पर इनका दुरुपयोग किया जाता है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली ये दवाएं केवल चिकित्सकीय रूप से आवश्यक होने पर ही दी जा सकती हैं।

बयान में कहा गया है कि चोपड़ा ने 2020 में इस मामले के लंबित रहने के दौरान अपना मेडिकल लाइसेंस वापस कर दिया था।

कैलिफोर्निया के पूर्वी जिले के यूएस अटॉर्नी कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जेनिफर एल. थर्सटन पांच सितंबर को चोपड़ा के मामले में फैसला सुना सकती हैं और दोषी ठहराये जाने पर उन्हें अधिकतम 20 वर्ष की जेल हो सकती है तथा 10 लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।










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