भारतीय मूल के अमेरिकी कैब चालक ने प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन को लेकर किया ये बड़ा खुलासा

डीएन ब्यूरो

प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन का गत मंगलवार की रात को न्यूयॉर्क में जब फोटोग्राफरों ने पीछा किया तो वे काफी 'नर्वस' थे। भारतीय मूल के एक अमेरिकी कैब चालक ने यह दावा किया जिसने उन्हें मैनहट्टन थाने से लिया और करीब 10 मिनट तक कार में लेकर घूमता रहा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

नर्वस  प्रिंस हैरी और मेगन
नर्वस प्रिंस हैरी और मेगन


न्यूयॉर्क: प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन का गत मंगलवार की रात को न्यूयॉर्क में जब फोटोग्राफरों ने पीछा किया तो वे काफी 'नर्वस' थे। भारतीय मूल के एक अमेरिकी कैब चालक ने यह दावा किया जिसने उन्हें मैनहट्टन थाने से लिया और करीब 10 मिनट तक कार में लेकर घूमता रहा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चालक सुखचरण सिंह ने बताया कि कुछ पपराजी (किसी प्रसिद्ध हस्ती का पीछा करने वाले फोटोग्राफर) ने दोनों को उनकी कार में देख लिया और फौरन पहचान लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं 67 स्ट्रीट पर था और सुरक्षा गार्ड ने मुझे बुलाया। आगे क्या हुआ, आप जानते हैं। प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेरी कैब में बैठ गये।’’

सिंह ने कहा, ‘‘कचरे के एक ट्रक की वजह से हमारी कार रुक गयी और फिर अचानक से पपराजी सामने आ गये और उन्होंने तस्वीरें खींचना शुरू कर दिया।’’

कैब चालक ने कहा कि हैरी (38) और मेगन (41) अपने गंतव्य का पता बताने ही वाले थे लेकिन उन्होंने फिर थाने लौटने को कहा।

सिंह ने स्काई न्यूज से कहा, ‘‘वे अच्छे लोग हैं। वे नर्वस दिख रहे थे। मुझे लगता है कि पूरे दिन ही उनका पीछा होता रहा। वे काफी नर्वस थे।’’

हैरी और मेगन के प्रवक्ता ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मंगलवार को दोनों ने कार का पीछा किये जाने की भयावह घटना का अनुभव किया।

न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने बाद में कहा कि उन्होंने दोनों की निजी सुरक्षा टीम का सहयोग किया।

उसने कहा, ‘‘बहुत सारे फोटोग्राफर थे जिन्होंने उनके वहां से निकलने में अवरोध पैदा कर दिया।’’

हालांकि, पुलिस ने कहा कि वे अपने गंतव्य पहुंचे और किसी तरह की टक्कर, चोट लगने या गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं है।

हैरी और मेगन एक पुरस्कार समारोह में शामिल होने न्यूयॉर्क आये थे। उनके साथ मेगन की मां डोरिया रागलैंड भी थीं।

जब समारोह स्थल से निकलने पर उनका पीछा होने लगा तो उन्होंने फोटोग्राफरों से बचने के लिए मैनहट्टन थाने का रुख किया जहां से सिंह ने उन्हें अपनी कैब में बैठाया।

जब सिंह से पूछा गया कि क्या कार का पीछा करने की यह घटना बड़ी खतरनाक थी तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह सच है। बढ़ा-चढ़ाकर ऐसा कहा गया है। इतना सोचने की जरूरत नहीं है।’’










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