आवास योजना की खुली पोल, बारिश में रहने को मजबूर सबरून, जिम्मेदारों को नहीं किया खुश तो कटा सूची से नाम, जानें अपडेट

डीएन संवाददाता

पैसों के अभाव में सबरून का आवास योजना सूची से नाम कटने का मामला प्रकाश में आया है। सिलाई मशीन चलाकर अपने बच्चे को पढ़ा रही है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

जर्जर आवास
जर्जर आवास


घुघली (महराजगंज): सरकार भले ही योजनाओं के माध्यम से गरीबों को लाभ देने का दावा कर रही हो किंतु जमीनी सच्चाईयां कुछ और ही बयां करती नजर आ रही हैं।

एक ऐसा ही मामला घुघली ब्लाक के लक्ष्मीपुर खास ग्राम सभा में देखने को मिला। डाइनामाइट न्यूज की टीम ने जब परिवार से आवास योजना के बारे में पूछा तो आशा भरी निगाहों से सबरून देखने लगी।

पूछने पर पता चला कि पति छोड़कर चला गया। अब एक लड़का फैसल (6 वर्ष) को सिलाई मशीन के सहारे लोगों के कपड़े सिलकर पढ़ा लिखा रही हूं। करीब दो डिस्मिल की जमीन पर ईंट-ईंट जोड़कर सबरून ने एक कमरा किसी तरह बनाकर उसी में रहती है।

आंधी आने के कारण कटरैन उड़ गया था तो प्रधान की मदद से कटरैन लगा। आवास योजना में किसी तरह इसने फार्म भरा और सूची में नाम भी आ गया।

सबरून ने नम आंखों से बताया कि साहब! नाम आने के बाद भी आवास योजना से इसलिए वंचित कर दिया गया क्योंकि मेरे पास जिम्मेदारों को देने के लिए पैसे नहीं थे।  स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास से गांवों में भी इससे मजबूर कोई दूसरा परिवार नहीं है। ऐसा नहीं है कि इस परिवार के बदहाली के बारे में जिम्मेदार अंजान हैं, सारी सच्चाईयां जानने के बाद भी अधिकारी, ग्राम प्रधान, सचिव आखिर क्यों अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रहे हैं, समझ से परे है।

बता दें कि सबरून के घर के सामने ही सचिवालय है जहां सभी जिम्मेदारों का प्रतिदिन उठना बैठना भी होता है बावजूद इसके इसकी बदहाली से नजरें फेर ली जा रही हैं।

आवास योजना, शुद्ध पेयजल, गरीबी हटाओ के नारे बुलंद किए जा रहे हैं वहीं ऐसा परिवार आज बदहाली का दंश झेलने को मजबूर है।   










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