Hit and Run : केकड़ी में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, एक वाहन जलाया

डीएन ब्यूरो

केंद्र सरकार के नये कानून में ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक एवं निजी बस चालकों की हड़ताल के दौरान राजस्थान के केकड़ी में हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और उनके एक वाहन को आग के हवाले कर दिया । इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केकड़ी में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया
केकड़ी में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया


जयपुर: केंद्र सरकार के नये कानून में ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक एवं निजी बस चालकों की हड़ताल के दौरान राजस्थान के केकड़ी में हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और उनके एक वाहन को आग के हवाले कर दिया । इस घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य में कई ट्रक चालक इस हड़ताल में शामिल हो गए हैं और काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि, कुछ जगहों को छोड़कर राज्य में मंगलवार को जाम की कोई खबर नहीं है।

दूसरी ओर, हड़ताल से ईंधन आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका से पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।

केकड़ी जिले के बांदनवाड़ा इलाके में सोमवार रात पुलिस को ट्रक चालकों और स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।

केकड़ी के पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया, ‘‘पुलिस दल अजमेर-भीलवाड़ा राजमार्ग पर बांदनवाड़ा टोल नाके के पास लगे जाम को खुलवाने के लिये गया था। पुलिसवालों को देख भीड़ ने पुलिस दल पर पथराव किया जिसमें सरवाड़ और केकड़ी (शहर) थानाधिकारी समेत तीन पुलिसकर्मी चोटिल हो गये। भीड़ ने केकड़ी शहर थाने के एक वाहन में आग लगा दी।’’

उन्होंने बताया कि इस संबंध में 15-20 नामजद और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।

केकड़ी के वृत्ताधिकारी संजय सिंह ने बताया कि इलाके में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, और सड़क पर जाम खुलवा दिया गया है।

जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश जैन ने कहा कि कानून के विरोध में करीब 80 फीसदी ट्रक चालकों ने काम का बहिष्कार किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम की कोई रिपोर्ट नहीं है।

जैन ने बताया, “ट्रक चालक काम नहीं कर रहे हैं और वे हड़ताल में भाग ले रहे हैं जिससे माल की ढुलाई प्रभावित हुई है। ट्रांसपोर्टर भी चालकों के साथ खड़े हैं।”

उन्होंने कहा, 'हम सरकार से कानून के उन प्रावधानों की समीक्षा करने की मांग करते हैं जो कठोर हैं और उन्हें पूरा करना व्यावहारिक नहीं है।'

इस बीच, लोग इस डर से पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल लेने के लिए लाइन में खड़े हैं कि हड़ताल के कारण कहीं पंपों पर ईंधन की किल्लत न हो जाये ।

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण राज्य में आपूर्ति करीब 20 फीसदी प्रभावित हुई है।

वहीं राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू) ने प्रस्तावित कानून के खिलाफ तीन जनवरी को प्रदर्शन करने की घोषणा की है। संगठन के एक बयान के अनुसार यह चालक विरोधी कानून है।

भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।

 










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