

जबरदस्त सुरक्षा-व्यवस्था के बीच हिन्दू युवा वाहिनी भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह सोमवार को गोरखपुर सीजेएम की अदालत में पेश हुए। गोरखपुर जेल में उनसे मिलने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे थे इससे परेशानी का बहाना बना जेल प्रशासन ने उन्हें लखनऊ की जेल में शिफ्ट कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि उत्पीड़न करने के लिए उन्हें तन्हाई बैरक में रखा गया है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
लखनऊ/गोरखपुर: एक समय सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ के आंख, नाक और कान रहे हिन्दू युवा वाहिनी भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह को सत्ता के खिलाफ जाना काफी महंगा पड़ रहा है। गोरखपुर जिला प्रशासन ने एक दिन में चार-चार मुकदमे ठोंकने के बाद बीते 15 अगस्त को सुनील और उनके सहयोगी चंदन विश्वकर्मा पर रासुका ठोंक दिया।
अब तक गोरखपुर जेल में बंद रहे सुनील सिंह को लखनऊ जेल में और चंदन को कानपुर जेल में शिफ्ट किया गया है। सुनील के भाई का आरोप है कि मानवाधिकार के नियमों का सरासर उल्लघंन करते हुए एक राजनीतिक व्यक्ति को तन्हाई बैरक में रखा गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सोमवार को सुनील की पेशी गोरखपुर के सीजेएम की अदालत में हुई। लखनऊ पुलिस उन्हें यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लेकर आयी। किसी को भी सुनील के पास फटकने की इजाजत नही दी गयी और तो और किसी को उनकी फोटो तक लेने नही दी गयी।
बीते 31 जुलाई को अपने कार्यकर्ताओं को छुड़ाने राजघाट थाने पहुंचे सुनील सिंह की झड़प पुलिस वालों से हो गयी थी इसके बाद से ही उन पर खाकी का कहर सितम बनकर टूट रहा है और एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं।
गोरखपुर के सपा सांसद प्रवीण निषाद सहित विपक्षी दलों के कई नेता सुनील से मिलने जेल पहुंचे इसके बाद प्रशासन के माथे पर बल पड़ने शुरु हुए कि कहीं सुनील इसका राजनीतिक लाभ न उठाने लगें। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में लखनऊ जेल में शिफ्ट कर डाला गया।
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