व्यवसायों को अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क के साथ जोड़ने से छोटे उद्यमियों को कर्ज हासिल करने में मदद
नयी दिल्ली, व्यवसायों को अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क के साथ जोड़ने से छोटे उद्यमियों को आसानी से कर्ज हासिल करने में मदद मिलेगी और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
नयी दिल्ली: व्यवसायों को अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क के साथ जोड़ने से छोटे उद्यमियों को आसानी से कर्ज हासिल करने में मदद मिलेगी और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।
इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के सह-संस्थापक और चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को गुरुग्राम में ‘जीएसवी प्लस अमेरिट्स इंडिया समिट’ में एक सत्र के दौरान यह बात कही।
अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क वित्तीय आंकड़ों को साझा करने वाला एक मंच है।
यह भी पढ़ें |
एक किसान की बेटी ने दहेज प्रथा का अंत करने के लिए कुएं में कूदकर जान दे दी
नीलेकणि ने कहा कि सरकार ने आम बजट 2023-24 में कहा है कि जीएसटी प्रणाली एए नेटवर्क में शामिल हो सकती है, जिसका मतलब है कि जीएसटी प्रणाली की हर कंपनी अपना आंकड़ा वापस मांग सकती है। इसमें उनके कर विवरण और चालान शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह आंकड़ा प्रामाणिक होगा। भारत में जीएसटी प्रणाली में लगभग 1.1-1.2 करोड़ व्यवसाय पंजीकृत हैं। वे कर्ज पाने के लिए ऋणदाता को ये आंकड़े दे सकते हैं... निश्चित रूप से इससे छोटे कारोबारियों को कर्ज लेने में कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा।’’
नीलेकणि ने आगे कहा कि यदि उन्हें कारोबार के लिए आसानी से पूंजी मिलेगी, तो इससे रोजगार के अवसर तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक व्यवसाय 1-2 नौकरियां पैदा करेगा, तो देश में दो-तीन करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
यह भी पढ़ें |
माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ईडी, सीबीआई की संयुक्त टीम लंदन में
उन्होंने कौशल विकास पर भी जोर दिया, और कहा कि बेहतर कौशल वाले लोग ही भविष्य में रोजगार सृजन करते हैं।