मेरठ में महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में भारी बवाल, सभासदों में जमकर मारपीट, जानिये क्यों बिगड़ी बात

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मेरठ में महापौर और 90 पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मारपीट की घटना सामने आई है। मारपीट ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) और भाजपा के पार्षदों के बीच हुई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मेरठ में पार्षदों में जमकर मारपीट
मेरठ में पार्षदों में जमकर मारपीट


मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में महापौर और 90 पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मारपीट की घटना सामने आई है। मारपीट ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) और भाजपा के पार्षदों के बीच हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं का आरोप है कि एआईएमआईएम के पार्षद ‘वंदे मातरम’ गीत के दौरान खड़े नहीं हुए। वहीं एआईएमआईएम पार्षदों का कहना है कि समारोह में राष्ट्रगान की जगह ‘वंदे मातरम’ गाया गया,जिसका विरोध करने पर उनके साथ भाजपा के कुछ नेताओं और पार्षदों ने मारपीट की।

घटना के संबंध में थाना मेडिकल प्रभारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि घटना के संबंध में अभी उन्हें कोई तहरीर नहीं मिली है, तहरीर मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

बता दें कि चुनाव में जीत के बाद मेयर और पार्षद पद के प्रत्याशी शपथ ग्रहण करने के लिए विश्विद्यालय के नेताजी सुभाषचंद बोस प्रेक्षागृह पहुंचे थे। इस दौरान शपथ दिलाने के लिए मेरठ कमिश्नर जे सेल्वा कुमारी मंच पर मौजूद थीं। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।

वहीं महापौर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि इसी बीच कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' गाया गया, जिस पर वहां मौजूद तमाम नेता और कार्यकर्ता राष्ट्रगीत के सम्मान में अपनी सीट से खड़े हो गए, लेकिन आईएमआईएम के पार्षद और कार्यकर्ता अपनी सीट से खड़े नहीं हुए और वे कुर्सी पर ही बैठे रहे। इस बात पर भाजपा पार्षदों और कार्यकर्ताओं को गुस्सा आ गया।

सूत्रों के अनुसार इस दौरान चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हंगामा हो गया और एआईएमआईएम के पार्षद और भाजपा पार्षद आपस में भिड़ गए।

सूत्रों के अनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां तैनात पुलिस ने हस्तक्षेप किया और किसी तरह एआईएमआईएम और भाजपा सदस्यों को अलग कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

हंगामे के बीच मेरठ के मंडलायुक्त ने महापौर को शपथ दिलाई। उसके बाद महापौर अहलूवालिया ने 15-15 पार्षदों के समूह में शपथ दिलाई। इस दौरान ‘वंदे मातरम’ और भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए एआईएमआईएम के पार्षदों ने ‘वंदे मातरम’ के मुद्दे पर भाजपा पार्षदों पर मारपीट करने का आरोप लगाया।

घटना पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि इन लोगों को 'वंदे मातरम' से आपत्ति क्यों है। वाजपेयी ने कहा, 'जब वे भारत के संविधान की शपथ लेते हैं तो भारत के संविधान में उल्लिखित 'वंदे मातरम' गाने पर यह आपत्ति क्यों। इसे गाने की कोई बाध्यता नहीं है लेकिन कम से कम खड़े होकर शांत हो जाएं।' उन्‍होंने कहा कि वो ना खड़े हों इस पर भी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बदतमीजी स्वीकार नहीं है।

डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने नगर निगम प्रशासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम ने ‘वंदे मातरम’ का गान ऐसे कर्मचारी से कराया जिसको यह गान ठीक से आता ही नहीं था। वाजपेयी ने कहा कि मजबूरी में मुझे जाकर ‘वंदे मातरम’ का गान गाना पड़ा।

वहीं एआईएमआईएम के वार्ड 71 के पार्षद फजल करीम ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा के स्थानीय कुछ बड़े नेताओं के इशारे पर आज एआईएमआईएम के पार्षदों के साथ भाजपा पार्षदों ने मारपीट की। उन्होंने दावा किया कि घटना में उनकी पार्टी के वार्ड-75 के पार्षद दिलशाद सैफी और वार्ड-79 के पार्षद आसिफ घायल हुए हैं।

एआईएमआईएम के महानगर अध्यक्ष इमरान अंसारी ने कहा कि एआईएमआईएम के सभी पार्षद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए मेडिकल थाने जा रहे हैं।

शपथ लेने के बाद महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा, ‘‘शहर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है।’’

कार्यक्रम में शामिल होने वालों में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शामिल थे। हालांकि पूर्व महापौर सुनीता वर्मा सहित विपक्ष के किसी नेता ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया। 










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