

फैटी हार्ट एक खामोश बीमारी है, जो दिल की मांसपेशियों में चर्बी जमा होने से होती है और जीवनशैली में सुधार से इससे बचाव संभव है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: अक्सर हम हर चीज़ को परफेक्ट बनाने में लगे रहते हैं लेकिन शरीर से मशीन जैसा काम लेने के चक्कर में उसी का ख्याल रखना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से शरीर में कई तरह की समस्याएं घर करने लगती हैं। ऐसी ही एक समस्या है फैटी हार्ट या कार्डियक स्टिएटोसिस। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशियों के आसपास फैट जमा होने लगता है।
डाइनामाइट न्यूज के संवाददाता के अनुसार, यह समस्या धीरे-धीरे विकसित होती है और शुरू में इसके लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जब तक यह पहचान में आती है तब तक दिल की कार्यक्षमता पर इसका असर पड़ चुका होता है। इस स्थिति को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह दिल की बीमारियों की ओर पहला कदम हो सकता है।
लक्षण जो नहीं करने चाहिए नजरअंदाज
फैटी हार्ट के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं, लेकिन कुछ संकेत समय रहते पहचान लिए जाएं तो इलाज आसान हो सकता है। इनमें सांस लेने में परेशानी-विशेष रूप से हल्की गतिविधि पर भी, सीने में भारीपन, लगातार थकान, धड़कन का अनियमित होना, हाथ-पैरों में सूजन और लेटते समय सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानियां प्रमुख हैं। कई बार यह मानसिक लक्षण जैसे चिड़चिड़ापन या ध्यान केंद्रित न कर पाना के रूप में भी सामने आता है।
किन वजहों से बढ़ता है फैटी हार्ट का खतरा?
इस बीमारी का सबसे आम कारण है मोटापा, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल, लगातार जंक फूड और तैलीय भोजन का सेवन, बैठकर रहने की आदत, शराब की अधिकता और पारिवारिक इतिहास इसके अन्य कारण हैं। जब शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होती है, तो वह धीरे-धीरे दिल की तरफ भी बढ़ सकती है, जिससे यह स्थिति बनती है।
फैटी हार्ट से बचने के आसान उपाय
फैटी हार्ट से बचने के लिए सबसे जरूरी है जीवनशैली में सुधार। रोजाना 30 मिनट का व्यायाम, संतुलित वजन, धूम्रपान और शराब से दूरी, तनाव को कम करने वाले उपाय जैसे योग और ध्यान, साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच, खासतौर पर अगर फैमिली हिस्ट्री हो, यह सब उपाय इस खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं।
सही आहार से भी मिल सकती है राहत
फैटी हार्ट में आहार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हरी पत्तेदार सब्जियां- जैसे पालक, मेथी और बथुआ, मौसमी फल, अंकुरित अनाज, ओट्स और ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज, साथ ही सीमित मात्रा में नट्स और बीज दिल को स्वस्थ रखते हैं। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद और सीमित मात्रा में जैतून या सरसों का तेल भी उपयोगी है। यह आहार दिल पर अतिरिक्त दबाव कम करता है।
इन चीज़ों से बनाएं दूरी
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए कुछ चीज़ों से परहेज बेहद जरूरी है। डीप फ्राइड आइटम्स जैसे-समोसा और पकोड़े, प्रोसेस्ड मीट, बेकरी के उत्पाद, पैकेट वाले नमकीन और मीठे स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक्स, ज्यादा चीनी और नमक आदि। ये सभी चीज़ें फैटी हार्ट को बढ़ावा दे सकती हैं। इनसे जितना दूर रहा जाए, उतना ही बेहतर होगा।
स्वस्थ दिल के लिए जीवनशैली में करें बदलाव
दिनभर एक्टिव रहना, इंटरमिटेंट फास्टिंग (डॉक्टर की सलाह से), नींद पूरी करना, सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीना और योगाभ्यास जैसे कपालभाति, अनुलोम विलोम, वज्रासन और सैर करना, ये सभी आदतें दिल को स्वस्थ रखने में मददगार होती हैं। अगर डायबिटीज़ है, तो उसे नियंत्रण में रखना और तनाव से दूर रहना बहुत जरूरी है।