Uttar Pradesh: सरकारी अफसर और VIP बनकर कई लोगों से करोड़ों की ठगी, जानिये कुख्यात जालसाज की पूरी कहानी

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने लोगों से करोड़ों रुपये ठगने और रेलवे का वरिष्ठ अधिकारी बन सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जालसाज को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार (फाइल)
जालसाज को यूपी एसटीएफ ने किया गिरफ्तार (फाइल)


अयोध्या: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने लोगों से करोड़ों रुपये ठगने और रेलवे का वरिष्ठ अधिकारी बन सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

एसटीएफ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, आरोपी अनूप चौधरी को मंगलवार की रात अयोध्या के जिला सर्किट हाउस में प्रवेश करते समय गिरफ्तार कर लिया गया ।

बयान के मुताबिक, उसकी सुरक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस का एक जवान तैनात था, जो गिरफ्तारी के समय उसकी एसयूवी कार में उसके साथ सवार था।

एसटीएफ ने बताया कि आरोपी चौधरी नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का प्रचार-प्रसार करने के नाम पर देश के विभिन्न शहरों का दौरा कर सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करता था।

बयान में कहा गया है, 'अयोध्या निवासी चौधरी खुद के रेल मंत्रालय का सदस्य होने का झूठा दावा करके सरकार से काम दिलाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करता था और उसे इस आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अब तक वह करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।''

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पूछताछ के दौरान चौधरी ने बताया कि वह क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (उत्तर रेलवे) एवं भारतीय खाद्य निगम( खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय) का अशासकीय सदस्य है तथा वह वैशाली ( गाजियाबाद) में रहता है।

एसटीएफ ने बताया कि जिस कार में चौधरी सवार था, उसमें गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में तैनात हेड कांस्टेबल पवन कुमार भी मौजूद था। कांस्टेबल ने बताया कि उन्हें चौधरी के सुरक्षा कर्मी के रूप में तैनात किया गया था।

एसटीएफ ने यह भी पाया कि चौधरी सरकारी अधिकारियों को कोई पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं है।

एसटीएफ के अनुसार, चौधरी ने अपने विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में कार्य करने के लिए श्रीनिवास नराला नामक व्यक्ति को भी काम पर रखा था।

एसटीएफ ने कहा, 'वह नराला को फर्जी लेटरहेड पर सरकारी अधिकारियों को पत्र भेजने और अपनी यात्रा के लिए आधिकारिक प्रोटोकॉल मांगने के लिए कहता था।'

चौधरी ने एसटीएफ को बताया कि उसने उत्तर प्रदेश के इटावा और तमिलनाडु के चेन्नई की अपनी हालिया यात्राओं के दौरान आधिकारिक प्रोटोकॉल का लाभ उठाया।

गिरफ्तारी के बाद चौधरी की भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

चौधरी के नाम पर एक वेबसाइट भी है जिसमें उसे पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता और 'भारत सरकार के सदस्य के रूप में कार्य करने वाले' के साथ-साथ 'उत्तर प्रदेश सरकार का पूर्व सदस्य' बताया गया है।

बयान के अनुसार, एसटीएफ के अधिकारियों को कार में एक अन्य व्यक्ति भी मिला, जिसने अपनी पहचान लखनऊ निवासी सतेंद्र वर्मा के रूप में बताई।

वर्मा ने एसटीएफ को बताया कि हाल ही में उसकी मुलाकात चौधरी से हुई थी। वर्मा ने कहा, 'अनूप चौधरी ने मुझसे अयोध्या में विभिन्न तीर्थ स्थलों के हेलीकॉप्टर के माध्यम से दर्शन कराने के लिए एक कंपनी बनाने के विचार पर चर्चा की। उसने मुझसे अयोध्या दर्शन के लिए आने और उसके साथ शामिल होने के लिए कहा। तो मैं उसके साथ लखनऊ से यहां आ गया।”

एसटीएफ ने कहा कि चौधरी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ-साथ राजस्थान और उत्तराखंड में गबन, धोखाधड़ी और साजिश के कुल नौ मामले दर्ज हैं।

इसमें कहा गया कि उत्तराखंड पुलिस ने चौधरी की गिरफ्तारी के लिए 15,000 रुपये का इनाम घोषित किया था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

एसटीएफ ने चौधरी के चालक फिरोज आलम के पास से फर्जी आधार कार्ड बरामद होने के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ ने अयोध्या कैंट थाने में भादस की संबंधित धाराओं के तहत चौधरी और उसके चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।










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