हजारीबाग का कारोबारी सब्सिडी वाला कोयला लेने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देता था: ईडी

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि झारखंड में गिरफ्तार कोयला व्यापारी इजहार अंसारी सब्सिडी वाला कोयला लेने के लिए कुछ लोकसेवकों को ‘रिश्वत’ दिया करता था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सब्सिडी वाला कोयला
सब्सिडी वाला कोयला


नयी दिल्ली:  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह आरोप लगाया कि झारखंड में गिरफ्तार कोयला व्यापारी इजहार अंसारी सब्सिडी वाला कोयला लेने के लिए कुछ लोकसेवकों को ‘रिश्वत’ दिया करता था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अंसारी को गिरफ्तार किया था और मंगलवार को हज़ारीबाग में तीन स्थानों पर उसके खिलाफ फिर से छापेमारी की।

ईडी ने एक बयान में कहा कि रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उसे बुधवार को छह दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।

एजेंसी ने कहा कि अंसारी ईडी द्वारा बार-बार भेजे गए समन पर न तो उपस्थित हुआ और न ही उसने कोई जवाब दिया।

ईडी ने कहा कि अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का ‘दुरुपयोग’ किया, जिसके तहत सीमित उपभोग के लिए छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता है।

ईडी ने कहा कि अंसारी की 13 एसएमई कंपनियों को 71 करोड़ रुपये की कीमत का लगभग 86,568 टन कोयला आवंटित किया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल करने के बजाय, उसने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया और 71 करोड़ रुपये की आय अर्जित की।

एजेंसी ने कहा कि ये 13 कंपनियां चल नहीं रही हैं और फर्जी (संदिग्ध) इकाइयां पाई गई हैं।

अंसारी पर पहली बार ईडी ने पिछले साल मार्च में छापा मारा था और तब एजेंसी ने 3.58 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

एजेंसी ने आरोप लगाया, आरोपियों ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और धनबाद (झारखंड) की खुली कोयला 'मंडी' (बाजार) में ऊंची कीमत पर रियायती दर का कोयला बेचकर ‘अपराध की बड़ी कमाई’ अर्जित की और इस आय को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया।

इसने कहा है, ‘‘जांच से पता चला है कि इस तरह के सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के लिए इजहार अंसारी कुछ लोक सेवकों को रिश्वत/कमीशन देता था।’’

धनशोधन का यह मामला राज्य पुलिस द्वारा अंसारी, उसके लिए काम करने वाले ट्रक ड्राइवर सैय्यद सलमानी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और कोयला खदान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दायर एक प्राथमिकी और आरोप-पत्र से उपजा है।

इसमें कहा गया है कि झारखंड पुलिस ने एक ट्रक के साथ लगभग 19 टन ‘अवैध’ कोयला जब्त किया है।

 










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