गुजरात: शराब ले जाने की अनुमति के बदले में रिश्वत लेने के मामले में सात यातायातकर्मी बर्खास्त

डीएन ब्यूरो

गुजरात पुलिस ने गाड़ी में शराब की बोतल ले जाने की अनुमति देने के बदले में दिल्ली के एक व्यवसायी से कथित तौर पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में अपने तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया है और ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) के सात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

रिश्वत लेने के मामले में सात यातायातकर्मी बर्खास्त
रिश्वत लेने के मामले में सात यातायातकर्मी बर्खास्त


अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने गाड़ी में शराब की बोतल ले जाने की अनुमति देने के बदले में दिल्ली के एक व्यवसायी से कथित तौर पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में अपने तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया है और ट्रैफिक ब्रिगेड (टीआरबी) के सात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस उपायुक्त (यातायात-पूर्व) सफीन हसन ने मंगलवार को कहा कि यह कार्रवाई व्यवसायी कनव मनचंदा द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो के बाद की गई।

उन्होंने कहा कि क्रिकेट विश्व कप का अंतिम मैच देखने के लिए दिल्ली से यहां रविवार को अपनी गाड़ी से आये मनचंदा ने इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई, लेकिन पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेते हुये कथित तौर पर इस कृत्य में शामिल 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘‘हमने कथित घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं। लेकिन हमारी प्रारंभिक जांच में ही यह कृत्य सही पाया गया। हमने अपने तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और सात टीआरबी जवानों को उनकी कथित भूमिका के लिए बर्खास्त कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं।’’

वीडियो में मनचंदा ने कहा था कि रविवार सुबह जब वह अपनी गाड़ी से नरेन्द्र मोदी स्टेडियम जा रहे थे तो शहर के बाहरी इलाके नाना चिलोदा सर्कल पर कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।

चूंकि वह अपनी गाड़ी में शराब की बोतल ले जा रहे थे, इसलिए पुलिसवालों ने कथित तौर पर उनसे यह वादा करते हुए रिश्वत मांगी कि गुजरात के शराब प्रतिबंधित राज्य होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अंत में पुलिसकर्मी 20 हजार रुपये पर मान गये और मनचंदा ने पुलिसकर्मियों के बताए अनुसार अरूण हडियोल नामक व्यक्ति को यूपीआई से भुगतान करने का दावा किया।

हसन ने कहा, ‘‘चूंकि पीड़ित ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, इसलिए हमने उनका विस्तृत बयान लेने के लिए अपनी टीम को दिल्ली भेजा है और अगर वह चाहें तो औपचारिक शिकायत भी कर सकते हैं। जिस व्यक्ति को ऑनलाइन माध्यम से रुपये प्राप्त हुये हैं, उसे भी जांच के लिए बुलाया जाएगा।’’










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