

चुनावी समर के लिये गुजरात पूरी तरह तैयार हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस की चुनावी जंग यहां चरम पर है। “येन कैन प्रकारेण” दोनो पार्टियां जीत की जुगत में जुटी हुई है लेकिन फैसला जनता को करना है। डाइनामाइट न्यूज ने भी गुजरात की चुनावी नब्ज टटोलने की कोशिश की और वहां पहुंचकर सियासी पारे का जमीनी जायजा लिया
चुनावी समर के लिये गुजरात पूरी तरह तैयार हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस की चुनावी जंग यहां चरम पर है। “येन कैन प्रकारेण” दोनो पार्टियां जीत की जुगत में जुटी हुई है लेकिन फैसला जनता को करना है। डाइनामाइट न्यूज ने भी गुजरात की चुनावी नब्ज टटोलने की कोशिश की और वहां पहुंचकर सियासी पारे का जमीनी जायजा लिया
सूरत: देश-विदेश में डायमंड हब के रूप में मशहूर सूरत शहर की गुजरात की राजनीति में भी बड़ी धमक औऱ चमक है। यह महत्वपूर्ण शहर राज्य की राजनीतिक समीकरण बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है।
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गुजरात में दो चरणों में चुनाव होने है। सूरत उन शहरों में शुमार है, जहां 9 दिसंबर को पहले चरण में कुल 89 सीटों के लिये मतदान होना है। सूरत में कुल 16 विधानसभा सीटें हैं, जिनमे से 15 सीटों पर भाजपा का कब्जा है। 9 दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिये चुनाव प्रचार आज शाम खत्म हो चुका है।
इस बार गुजरात के अन्य क्षेत्रों की ही तरह सूरत के चुनावी समीकरण भी काफी उलझे हुए प्रतीत हो रहे है। डाइनामाइट न्यूज ने सूरत के कई लोगों से इस बारे में बात की। चुनाव को लेकर लोगों की राय के आधार पर कहा जा सकता है कि इस बार के समीकरण पिछली बार की अपेक्षा काफी जटिल और उलझे हुए है। इसलिये जनता का रूख 18 दिसंबर को ही तब सामने आ सकेगा, जब चुनाव परिणाम सभी के सामने होंगे।
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