Automobile: इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने के लिए अभी जारी रहें सरकार की योजनाएं
देश में इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ‘फेम-दो’ जैसी योजनाओं को तब तक जारी रखा जाना चाहिए जबतक कि ऐसे वाहनों की पहुंच बेहतर स्तर के स्थानीयकरण के साथ एक निश्चित सीमा तक नहीं पहुंच जाता। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने यह बात कही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: देश में इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ‘फेम-दो’ जैसी योजनाओं को तब तक जारी रखा जाना चाहिए जबतक कि ऐसे वाहनों की पहुंच बेहतर स्तर के स्थानीयकरण के साथ एक निश्चित सीमा तक नहीं पहुंच जाता। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने यह बात कही है।
वाघ ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ‘फेम-दो’ योजना अगले साल समाप्त हो रही है इसलिए इसके विस्तार पर भी विचार किया जाना चाहिए। इसमें बड़ी इलेक्ट्रिक बसों को सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए शामिल किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित अंगीकरण एवं विनिर्माण के दूसरे चरण (फेम -दो) को 2019 में मंजूरी दी गई थी।
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उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) या शून्य-उत्सर्जन वाहनों की मांग को बढ़ावा देने के लिए शानदार काम किया है। सरकार ने फेम चरण-एक हो, चरण दो हो, राज्य स्तर के प्रोत्साहन हों या उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अलावा बहुत सारे नीतिगत उपाय किए हैं।’’
वाघ ने कहा, ‘‘हमारी सरकार से यह अपेक्षा है कि इसे तब तक जारी रखा जाए जब तक कि ईवी की पैठ एक विशेष सीमा को पार नहीं कर लेती है, जहां स्थानीयकरण का स्तर भी अच्छा हो।’’
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इन उपायों से बड़े पैमाने पर ग्राहकों की चिंता के मुद्दों का भी समाधान हो जाएगा।
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वाघ ने कहा कि सरकार को उद्योग के साथ योजना को लेकर विचार-विमर्श करना चाहिए कि क्या इन वाहनों को फेम-दो योजना के तहत सब्सिडी के लिए शामिल करना उचित है। सरकार ने 2021 में 10,000 करोड़ रुपये की फेम-दो योजना को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया था।