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Gorakhpur: ठेकेदारों की मारपीट से युवक की मौत, ख़जनी पुलिस ने दर्ज नहीं की Zero FIR

यूपी के गोरखपुर में पुलिस की लापरवाही का एक मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Gorakhpur: ठेकेदारों की मारपीट से युवक की मौत, ख़जनी पुलिस ने दर्ज नहीं की Zero FIR

गोरखपुर: मामला यूपी के गोरखपुर के खजनी थाना क्षेत्र का है जहाँ एक युवक की ठेकेदारों हैदराबाद ले गए और वेतन के लिए डिमांड करने पर मजदूर को पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने शव को लेकर खजनी में पोस्टमार्टम कराया, लेकिन एफआईआर दर्ज कराने के लिए घटना स्थल थाना क्षेत्र में जाने को कहा गया।

जानकारी के अनुसार परिजनों ने दूरी के कारण पुलिस से जीरो एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई, लेकिन खजनी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इसके बाद परिजनों ने उच्चाधिकारियों के पास गुहार लगाई। फिलहाल अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। पीड़ित पक्ष डीआईजी से गुहार कर न्यायालय की शरण में पहुंच गया है।

मृतक की पहचान नागेश्वर गौड़, पुत्र चन्द्रपाल गौड़, निवासी ध्रुवहाँ गांव है। परिजनों ने कुल्दीप सिंह और उनके भाई संदीप सिंह, निवासी पचौरी गांव पर हत्या का आरोप लगाया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक नागेश्वर गौड़ कारपेंटर का काम करते थे। अगस्त 2024 में ठेकेदार कुल्दीप सिंह और उनके भाई संदीप सिंह उन्हें 20,000 रुपये प्रति माह वेतन देने का वादा करके हैदराबाद ले गए। जब नागेश्वर ने अपना वेतन मांगा, तो उन्होंने उसे गालियां दीं और धमकी दी। 

16 जनवरी 2025 को सुबह ठेकेदारों ने नागेश्वर को बुरी तरह पीटा, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं जिसमे मौत हो गई , 17 जनवरी 2025 को कुल्दीप सिंह एम्बुलेंस से नागेश्वर को चन्द्रपाल के घर ले गया, जहाँ उसके शरीर पर चोट के निशान थे। 

चन्द्रपाल ने पुलिस को फोन किया, और ख़जनी पुलिस ने नागेश्वर का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नागेश्वर की मृत्यु एंटीमार्टम इंजरी से होना बताया गया है।

चन्द्रपाल ने खजनी थाने में जीरो एफआईआर के तहत मुकदमा दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

थानाध्यक्ष अर्चना सिंह ने बताया कि घटना हैदराबाद क्षेत्र का है, इसलिए मुकदमा वहीं दर्ज होना चाहिए। पीड़ित पक्ष न्याय की मांग कर रहा है और न्यायालय की शरण में पहुंच गया है।

लोग कह रहे हैं कि क्या खजनी पुलिस को जीरो एफआईआर दर्ज नहीं करनी चाहिए ? क्या पुलिस का यह कहना सही है कि घटना स्थल पर ही मुकदमा दर्ज होना चाहिए? क्या पीड़ित पक्ष को न्याय मिलेगा?

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