राष्ट्रपति भवन में मौजूद अमृत उद्यान को 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यहां आकर आम जनता फूलों के खूबसूरत और यूनिक बगीचों का नजारा ले सकती हैं। जो भी एक बार उद्यान की विजिट कर लेता है वो हमेशा के लिए कुछ यादें संजोकर रख लेता है। डाइनामाइट न्यूज़ पर देखिये अमृत उद्यान के अनूठे रंग।
क्या है अमृत उद्यान का इतिहास?
दिल्ली में रायसीना की पहाड़ियों को काटकर वायसराय हाउस बनाया गया था। जो वर्तमान में राष्ट्रपति भवन के नाम से जाना जाता है। वायसराय हाउस में साल 1917 में सर लुटियंस ने अमृत उद्यान का डिजाइन तैयार किया था और साल 1928-29 में यहां बागवानी का काम शुरू किया गया था।
मुगल गार्डन नाम कैसे पड़ा?
सर एडवर्ड लुटियंस ने इस गार्डन को ऐसे निर्मित करवाया, जिसमें ब्रिटिश और इस्लामी दोनों विरासत की झलक देखने को मिले। इसका डिजाइन ताजमहल के बगीचों, जम्मू-कश्मीर के बगीचों के साथ-साथ भारत व फारस के बाग-बगीचों से प्रेरित था। जिस वजह से तैयार होने के बाद इसका नाम मुगल गार्डन रखा गया।
अलग-अलग प्रजाति के फूल
अमृत उद्यान में कई तरह के फूल देखने को मिलते हैं। यहां गुलाब के ही तकरीबन 138 प्रजातियां मौजूद हैं। इसके अलावा लगभग 10,000 से ज्यादा ट्यूलिप और 70 से ज्यादा सीजनल फूल हैं। अमृत उद्यान का दीदार करने भारत ही नहीं, देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
जानिये कब होगा बंद
राष्ट्रपति भवन में स्थित अमृत उद्यान 2 फरवरी से आम लोगों के लिए खुल रहा है। जो 31 मार्च तक खुला रहेगा। अमृत उद्यान घूमने के लिए आपको पहले से टिकट बुक करानी होती है, जो बिल्कुल फ्री होती हैं
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