अकाल तख्त का नया जत्थेदार नियुक्त हुए ज्ञानी रघबीर सिंह, जानिए उनके बारे में
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त का नया जत्थेदार नियुक्त किया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त का नया जत्थेदार नियुक्त किया।
उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जगह ली है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को 2018 में (एसजीपीसी का) कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किया गया था।
यहां एसजीपीसी कार्यकारिणी की आपात बैठक में ज्ञानी रघबीर सिंह को नया जत्थेदार नियुक्त करने का फैसला किया गया।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह हालांकि बठिंडा में तख्त दमदमा सहिब के जत्थेदार बने रहेंगे।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा की सगाई कार्यक्रम में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की उपस्थिति ने पिछले महीने एक विवाद खड़ा कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कार्यक्रम में सिंह की उपस्थिति का विरोध किया था।
पहले वह शिरोमणि अकाली दल के वर्तमान नेतृत्व पर सवाल उठाने को लेकर खबरों में रहे थे।
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हालांकि एसजीपीसी ने कहा कि वर्तमान नियुक्ति का इन मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्वयं ही अकाल तख्त का अतिरिक्त प्रभार त्याग दिया है।
धामी ने कहा कि उन्होंने स्वयं ही अकाल तख्त का नियमित जत्थेदार नियुक्त करने की मांग उठायी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए क्योंकि ऐसा पद छोड़ना आसान नहीं होता है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक उदाहरण पेश किया है।’’
धामी ने कहा, ‘‘ आज हमारी कार्यकारिणी की बैठक में हमने फैसला किया कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार बने रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त का नियमित जत्थेदार नियुक्त किया गया है।
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ज्ञानी रघबीर सिंह आनंदपुर साहिब में तख्त केशगढ साहिब के जत्थेदार थे।
धामी ने कहा कि ज्ञानी रघबीर सिंह स्वर्ण मंदिर में शीघ्र ही प्रमुख ‘ग्रंथी’ का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे।
एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि ज्ञानी सुल्तान सिंह तख्त केशगढ़ साहिब के नये जत्थेदार होंगे और उन्हें स्वर्णमंदिर में ‘ग्रंथी’ का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
जब धामी से पूछा गया कि क्या ज्ञान हरप्रीत सिंह ने अपना त्यागपत्र सौंपा तो उन्होंने कहा, ‘‘ किसी इस्तीफा की बात नहीं हुई। मैंने उनसे बातचीत की और उन्होंने अकाल तख्त के वास्ते नियमित जत्थेदार की नियुक्ति के लिए अपनी सहमति दी।’’
अकाल तख्त का नियमित जत्थेदार नियुक्त किये जाने के बाद ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, ‘‘ मैं (चौथे सिख गुरू) रामदास जी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे अकाल तख्त अमृतसर के ‘सेवादार’ के रूप में सेवा करने का विशेषाधिकार दिया जो पांच तख्तों में शिरोमणि तख्त है।’’
अपने पूर्ववर्ती ज्ञानी हरप्रीत सिंह के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सिंह के साथ उनका अच्छा संबंध है और वह भविष्य में भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनसे चर्चा करेंगे।