Rajasthan: लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह बनाना होगा

डीएन ब्यूरो

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी


जयपुर: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन किया जाना चाहिए और सदन की बैठकों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए ताकि कार्यपालिका की समीक्षा बेहतर तरीके से की जा सके।

डॉ जोशी ने राजस्थान विधानसभा में ‘अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘देश का लोकतंत्र मजबूत रहे इसके लिए हमें कार्यपालिका को अधिक जवाबदेह बनाना होगा। मुझे गलत मत समझिए... लेकिन हम कार्यपालिका की तानाशाही से शासित हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि कानून में संशोधन होन ताकि बैठकों की संख्या बढ़ाई जा सके, कार्यपालिका की समीक्षा बेहतर तरीके से हो सके।’’

राजस्थान विधानसभा में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया। उद्घाटन कार्यकम की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की। इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे।

जोशी ने विधानसभाओं और विधायिकाओं को वित्तीय स्वायत्तता पर चर्चा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन कानून बनाने वाली संस्थाओं को और अधिक वित्तीय स्वायत्तता देने के लिए कानूनों में संशोधन की आवश्यकता पडे तो उनके काम को और अधिक प्रभावी बनाने के वास्ते ऐसा जरूर किया जाना चाहिए।

डॉ जोशी ने कहा, ‘‘आजादी का यह 75वां साल है। हम सब जानते हैं कि संसदीय लोकतंत्र में विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। पर कार्यपालिका व न्यायपालिका के साथ साथ सबसे बड़ी भूमिका विधायिका की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आजादी के 75 साल बाद यह नए सिरे से समीक्षा करने की आवश्यकता है कि जनता जिस अपेक्षा से जनप्रतिनिधियों को चुनती है उस विधायिका की जवाबदेही जनता के प्रति है और कार्यपालिका की जवाबदेही विधायिका के प्रति है। इस देश में लोग अपेक्षा करते हैं कि जो जवाबदेही है उसकी समीक्षा ढंग से हो, ‘वाचडॉग’ (निगरानी) की भूमिका हम ठीक ढंग से निभाएं तभी देश तेज गति से आगे बढ़ेगा।’’

जोशी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष लाचार हैं और रेफरी की तरह हैं जिनका काम सिर्फ यह देखने तक सीमित है कि सदन सुचारू रूप से चलता रहे। उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष सदन को नहीं बुला सकते हैं। इसे सरकार या राज्यपाल द्वारा बुलाया जा सकता है। सदन का कामकाज कार्य मंत्रणा समिति द्वारा तय किया जाता है। अध्यक्ष सदन के कामकाज को देखने के लिए एक रेफरी की तरह है... उन्हें यह भी सुनना पड़ता है कि रेफरी अच्छा नहीं है। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।’’










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