फतेहपुर: रिश्वत की रंजिश बनी हेड कांस्टेबल की हत्या का कारण, सनकी दरोगा के आंखों की किरकिरी था दुर्गेश

डीएन संवाददाता

किशनपुर थाना क्षेत्र के विजयीपुर चौकी इंचार्ज लक्ष्मीकांत सिंह सेंगर उर्फ कुँवर बेधड़क द्वारा हेड कांस्टेबल दुर्गेश तिवारी को सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर मौत के घाट उतारने के पीछे की सबसे बड़ी वजह रिश्वत को लेकर आपसी रंजिश बतायी जा रही है।

अस्पताल में हेड कांस्टेबल दुर्गेश तिवारी (फाइल फोटो)
अस्पताल में हेड कांस्टेबल दुर्गेश तिवारी (फाइल फोटो)


लखनऊ: फतेहपुर जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के विजयीपुर चौकी इंचार्ज लक्ष्मीकांत सिंह सेंगर उर्फ कुँवर बेधड़क द्वारा हेड कांस्टेबल दुर्गेश तिवारी को शनिवार रात सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर मौत के घाट उतारने के पीछे की सबसे बड़ी वजह रिश्वत को लेकर उपजी रंजिश बतायी जा रही है। विजयीपुर चौकी में आरोपी दरोगा ने पिछले दो महीने में एक दर्जन से अधिक मामलों को रिश्वत के बूते पर ‘सुलटा’ लिया और रिश्वत की रकम अकेले डकार ली। रिश्वत को अकले डकारने से चौकी के सभी सिपाही आरोपी दरोगा से नाराज थे। मृतक हेड कांस्टेबल दुर्गेश ने दरोगा की हरकत का खुलकर विरोध किया था, बताया जाता है तभी से दुर्गेश दरोगा के आंखों की किरकिरी बन गया।

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जानकारी के मुताबिक चौकी इंचार्ज लक्ष्मीकांत की मनमानी इस कदर बढ़ गयी थी कि चौकी के सभी सिपाही उनसे दूर रहने लगे। चौकी इंचार्ज कुछ मामलों में उन आरोपियों को गिरफ्तार करने लगा, जिनके सबंध और लेनदेन सिपाहियों से अच्छे होते थे। बताया जाता है कि हत्या से ठीक पहले मृतक सिपाही दुर्गेश एक आरोपी को पकड़कर लॉकअप में डालना चाह रहे थे जबकि चौकी इंचार्ज उस आरोपी को बचाना चाह रहे थे। इसी बात को लेकर हुई कहासुनी में पहले से ही हेड कांस्टेबल से नाराज सनकी चौकी इंचार्ज आपा खो बैठा और सिपाही को चौकी के अंदर ही गोली मार दी।

चिकित्सकीय टीम की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक चौकी इंचार्ज ने मृतक हेड कांस्टेबल को नजदीक से सीने में गोली मारी थी। डाक्टरों को मृतक के सीने में गोली व छर्रे नहीं मिले हैं, क्योंकि गोली सीने आर-पार हो गई थी।

 










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