आबकारी मामला: आप के गोवा प्रचार से जुड़े ‘हवाला’ लेनदेन को लेकर समाचार चैनल अधिकारी गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले की जांच के सिलसिले में चैनल के वाणिज्यिक प्रमुख एवं प्रोडक्शन कंट्रोलर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सीबीआई (फाइल)
सीबीआई (फाइल)


नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले की जांच के सिलसिले में ‘इंडिया अहेड न्यूज’ चैनल के वाणिज्यिक प्रमुख एवं प्रोडक्शन कंट्रोलर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि समाचार चैनल के वाणिज्यिक प्रमुख एवं प्रोडक्शन कंट्रोलर अरविंद कुमार सिंह को गोवा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) का प्रचार अभियान संभालने वाली एक कंपनी को हवाला चैनल के माध्यम से 17 करोड़ रुपये अंतरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान, सीबीआई को हवाला ऑपरेटर की व्हाट्सऐप चैट और रिकॉर्ड मिले, जिससे पता चला कि गोवा चुनाव में आप के लिए आउटडोर विज्ञापन अभियान चला रही ‘चैरियट मीडिया’ को जून 2021 और जनवरी 2022 के बीच 17 करोड़ रुपये के हवाला अंतरण में सिंह की कथित रूप से भूमिका थी।

गोवा विधानसभा चुनाव 14 फरवरी, 2022 को हुए थे।

चैरियट मीडिया के मालिक राजेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय ने 8 फरवरी को गिरफ्तार किया था और दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 6 मई को उन्हें जमानत दे दी थी।

अदालत ने कहा कि ईडी द्वारा पेश किए गए सबूत से पता चलता है कि चैरियट मीडिया ने आप के चुनाव कार्य के लिए वेंडर को कुछ भुगतान किया था, लेकिन इस स्तर पर दक्षिण लॉबी द्वारा सह आरोपी विजय नायर या उसके अन्य सहयोगी को भुगतान की रिश्वत को इन भुगतानों से जोड़ने का संकेत देने के लिए कुछ भी नहीं है।

विशेष अदालत ने 6 मई को जमानत देते हुए फैसला सुनाया था कि एजेंसी द्वारा पेश किए गए बयान और साक्ष्य यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं हैं कि जोशी के खिलाफ कथित मामला एक 'वास्तविक मामला है या उन्हें उपरोक्त साक्ष्य के आधार पर इस मामले में दोषी ठहराया जाएगा।’’

आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के उद्देश्य से 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कुछ डीलर का पक्ष लिया गया था, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। हालांकि इस आरोप का आप ने खंडन किया है। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी।

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने पिछले साल 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘यह भी आरोप है कि इन कृत्यों के चलते हुए अवैध लाभ निजी पक्षों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को खातों में गलत प्रविष्टियां करके मुहैया कराये गए।’’

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के कुछ नेताओं और अन्य लोक सेवकों को लगभग 90-100 करोड़ रुपये की रिश्वत का भुगतान सह-आरोपी विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और दिनेश अरोड़ा के जरिये दक्षिण भारत के शराब कारोबार के कुछ लोगों द्वारा किया गया था।

 










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