UP: एटा में BDC सदस्य के अपहरण से हड़कंप, चुनाव के लिये लाखों की बोली, पूर्व ब्लॉक प्रमुख पर गंभीर आरोप, जांच में जुटी पुलिस

उत्तर प्रदेश के एटा जनपद से एक नवनिर्वाचित बीडीसी सदस्य के कथित तौर पर अपहरण की खबर है। बीडीसी सदस्य की पत्नी की शिकायत के बाद पुलिस खोजबीन में जुट गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 June 2021, 12:41 PM IST
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एटा: अलीगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से हाल ही नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) के संदिग्ध रूप से गायब होने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है। गायब बीडीसी सदस्य की पत्नी ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख और उसके साथियों पर पति के अपहरण का आरोप लगाया है। बीडीसी की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच और कथित तौर पर अपहृत बीडीसी सदस्य की खोजबीन में जुट गयी है। इस घटना का एक और एंगल भी सामने आ रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक अलीगंज कोतवाली के हत्सारी ग्राम से नवनिर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) शेर सिंह पुत्र प्रताप सिंह पाल अचानक गायब हो गये हैं। शेर सिंह की पत्नी नेम बती ने पुलिस को दी गई तहरीर में उनके पति का अपहरण किये जाने की बात कही है। बीडीसी सदस्य की पत्नी द्वारा पति के अपहरण की शिकायत दिये जाने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

शेर सिंह की पत्नी नेम बती ने अपनी शिकायत में पूर्व ब्लॉक प्रमुख समेत उसके चार साथियों पर अपने पति के अपहरण का आरोप लगाया है। पुलिस ने नेम बती की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस घटना की जांच और लापता शेर सिंह की खोजबीन में जुटी हुई है।

इस घटना में एक और एंगल भी सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक यह मामला ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के होने वाले चुनाव से जुड़ा हुआ भी माना जा रहा। सूत्रों का कहना है कि इस चुनाव के लिये क्षेत्र पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त की जा रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिये लाखों की बोली लगाई जा रही है जबकि जिला पंचायत सदस्यों की बोली और भी ज्यादा है। बता दें कि ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव क्षेत्र पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों द्वारा ही किया जाता है।    

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अब ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी  अपने अपने पाले में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के लिये नवनिर्वाचित सदस्यों को किसी भी कीमत पर अपने पक्ष में करना चाहते हैं। इसके लिये लाखों रुपये भी दांव पर लगाये जा रहे हैं। जानकारों के अनुसार क्षेत्र पंचायत सदस्य की बोली तीन से पाँच लाख तक पहुंच गई है वहीं जिला पंचायत तो करोड़ की दहलीज पर है। माना जा रहा है कि यह मामला भी इससे जुड़ा हो सकता है।

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