Uttar Pradesh: क्या अयोध्या राम मंदिर पर BJP राजनीति कर रही है? पढ़िये प्रख्यात रामकथा वाचक की ये बेबाक राय

अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर है। इस मामले पर सियासत भी होने लगी है। अब प्रख्यात राम कथा वाचक आचार्य मनोज अवस्थी ने इस मामले पर डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बात की। पढ़िये उनकी ये बेबाक राय

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 January 2024, 4:04 PM IST
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एटा: अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने वाला है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले होने वाले इस समारोह को लेकर तमाम दलों द्वारा तरह-तरह की टिप्पणियां भी की जा रही है। कई दल तो इसे भाजपा का चुनावी हथकंडा बता रही है। इस मामले पर डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में प्रख्यात श्री राम कथा वाचक आचार्य मनोज अवस्थी ने अपनी बेबाक राय रखी है। 

जनपद के नगर अलीगंज में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में पहुंचे अंतरराष्ट्रीय श्रीराम कथा वाचक आचार्य मनोज अवस्थी ने राम मंदिर मामले पर गलत टिप्पणी करने वालों पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने सनातन धर्म को लेकर भी बड़ा व्यान दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि आदिशक्ति के स्वरूप श्रीराम धर्म के साक्षात स्वरूप है। वहीं लीलाधर भगवान कर्म के साक्षात स्वरूप है। श्रीराम  हमारे देश के करोड़ों सनातनी लोगों के जीवंत प्रणेता है। जो सियासी दल और लोग राम मंदिर व सनानत धर्म को लेकर टिप्णियां कर रहे है, दरअसल उनके पास कोई मुद्दा है ही नहीं। वे केवल चर्चा में बने रहना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम में 550 वर्षों के इतिहास में हज़ारों धर्म रक्षकों ने बलिदान दिये हैं। आज की पीढ़ि सौभाग्यशाली है, जिन्हें भगवान श्रीराम का मंदिर अयोध्या में देखने का मौका मिला है। 

डाइनामाइट न्यूज़ के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भाजपा का चुनावी कार्यक्रम नही है। यह तो हर सनातनी व धर्वालंबियों का एक स्वप्न है, जो पूर्ण होने जा रहा है। इसमें पीएम मोदी और सीएम योगी कर्म प्रणेता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर अपनी संपूर्णता प्राप्त करेगा, चाहे कोई भी कुछ भी बयान क्यों न देता रहे।

उन्होंने कहा कि अन्य धर्मों का हमारे देश में पूर्ण सम्मान है। उनके सभी धार्मिक कार्यों में हम सहभागिता करते हैं तो ऐसे में करोड़ों करोड़ सनातनियों के इस कार्यक्रम में उनको कोई कष्ट नहीं होना चाहिए। जब देश का बटवारा हुआ तो धार्मिक आधार पर हुआ। ऐसे में भारत को तभी हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए था।

इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि हिंदुओं के उपासना और आस्था के केंद्र सभी मंदिरों से सरकार को टैक्स हटा देना चाहिये। 

श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन अलीगंज नगर के श्री रघुनाथ कृपा भवन में संचालित हो रहा है।

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