कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस उपकरण विकसित
वैज्ञानिकों ने लेजर आधारित और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लैस एक नयी ‘ब्रीथलाइजर’ जांच विकसित की है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह अत्यधिक सटीकता से वास्तविक समय पर कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकता है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: वैज्ञानिकों ने लेजर आधारित और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लैस एक नयी ‘ब्रीथलाइजर’ जांच विकसित की है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह अत्यधिक सटीकता से वास्तविक समय पर कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगा सकता है।
यह उसी तरह का उपकरण है, जिसका इस्तेमाल पुलिस सांस में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाने के लिए करती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, अमेरिका स्थित कोलोरैडो बोल्डर यूनिवर्सिटी के एक दल ने कोविड की जांच के लिए नये विकसित किये गये ‘ब्रीथलाइजर’ से चिकित्सकीय जांच में क्रांति आने की उम्मीद जताई है।
यह भी पढ़ें |
मलेशिया में तीन लोगों में पाया गया कोरोना वायरस
इस उपकरण में, एक अणु को दूसरे अणु से अलग करने के लिए लेजर प्रकाश का इस्तेमाल किया जाता है।
विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र एवं अध्ययन के प्रथम लेखक छिहोंग लियांग ने कहा, ‘‘हमारे अनुसंधान के नतीजे कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए एक वैकल्पिक और तीव्र उपाय तथा रोग का पता लगाने की इसकी उल्लेखनीय क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।’’
मई 2021 से जनवरी 2022 के बीच अध्ययन दल ने विश्वविद्यालय के 170 छात्रों के नमूने एकत्र किये, जिनकी 48 घंटे पहले पीसीआर (पोलीमेरेज चेन रिएक्शन) जांच की गई थी।
यह भी पढ़ें |
भारत में भी कोरोना वायरस की दस्तक! चीन से भारत आया छात्र हॉस्पिटल में भर्ती
इनमें से आधे नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई और नमूना एकत्र करने से लेकर इसके नतीजे आने तक की प्रक्रिया में एक घंटे से कम वक्त लगा।