मणिपुर में जातीय हिंसा के लिए ड्रग माफिया और अवैध अप्रवासी जिम्मेदार : बीरेन सिंह

डीएन ब्यूरो

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सोमवार को राज्य में महीनों से जारी जातीय तनाव के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह


इंफाल:  मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने सोमवार को राज्य में महीनों से जारी जातीय तनाव के लिए ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सिंह ने मौजूदा संकट के लिए राज्य की सीमाओं की सुरक्षा में पिछली सरकार की ‘विफलता’ को भी जिम्मेदार ठहराया।

मई से कुकी और मेइती समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के कारण लगभग 200 लोग मारे गए हैं और 60,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं।

थौबल जिले के लीलॉन्ग में लोगों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मौजूदा संघर्ष की साजिश ड्रग माफिया और अवैध प्रवासियों ने रची जो वास्तविक जनजातियों की आवाज को दबाते हैं। लड़ाई मेइती और कुकी के बीच नहीं है, बल्कि सरकार और अवैध प्रवासियों के बीच है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘रोज मैं अपने कुकी दोस्तों से फोन पर बातचीत करता हूं। वे असहाय हैं और सच बोलने में असक्षम हैं क्योंकि उनको बंदूक के बल पर धमकाया जा रहा है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘पड़ोसी देश म्यांमा में सेना और सैन्य शासन विरोधी समूहों के बीच जारी संघर्ष की वजह से वहां से छह हजार से अधिक प्रवासी कामजोंग जिले में दाखिल हुए हैं। पुलिस टीम स्थिति की निगरानी के लिए भेजी गई है और उन्हें अस्थायी आश्रय देने के लिए बायोमेट्रिक जानकारी एकत्रित की जा रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम चिन कुकी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अवैध अप्रवासियों के विरोध में हैं। हम केवल बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र कर उन अवैध धड़ों की पहचान करना चाहते हैं और बाद में म्यांमा में स्थिति सुधरने पर उन्हें वापस भेजेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अगर मैंने अवैध प्रवासियों को रोकने पर जोर दिया तो क्या गलत है? क्या हम बाहरी लोगों के निरंतर आगमन और अंततः मूल निवासियों के दमन के लिए सहमत होंगे... राज्य के मूल समुदाय छोटे और अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं।’’

पूर्ववर्ती सरकारों पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मौजूदा संकट राज्य में कानूनों को ठीक से लागू करने में उनकी विफलता के कारण है। यदि उन्होंने लगभग 400 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगा दी होती, मुक्त आवाजाही व्यवस्था को रद्द कर दिया होता, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।’’

सिंह ने सुरक्षा बलों से अवैध हथियार रखने और कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया गया तो समुदायों के बीच गलतफहमी पैदा होने और अवांछित घटनाएं होने की आशंका हैं।’’

 










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