बड़े उद्योग समूहों की मदद के लिए सहकारी क्षेत्र को खत्म करने की कोशिश न करें : विजयन

डीएन ब्यूरो

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को उन ‘‘कुछ ताकतों’’ के प्रति चेताया जो पिछले कुछ समय से राज्य में सहकारी क्षेत्र को नष्ट करने के ‘मिशन’ पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इनका असली एजेंडा बड़े उद्योग समूहों की मदद के लिए सहकारी क्षेत्र में धन की हेरफेर करना है।पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बड़े उद्योग समूहों की मदद के लिए सहकारी क्षेत्र को खत्म करने की कोशिश न करें
बड़े उद्योग समूहों की मदद के लिए सहकारी क्षेत्र को खत्म करने की कोशिश न करें


तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को उन ‘‘कुछ ताकतों’’ के प्रति चेताया जो पिछले कुछ समय से राज्य में सहकारी क्षेत्र को नष्ट करने के ‘मिशन’ पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इनका असली एजेंडा बड़े उद्योग समूहों की मदद के लिए सहकारी क्षेत्र में धन की हेरफेर करना है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सार्वजनिक और सहकारी दोनों क्षेत्रों को देश में काफी प्रमुखता मिली, लेकिन वैश्वीकरण को अपनाने के बाद स्थिति बदल गई।

उन्होंने कहा कि तभी से देश में सहकारी क्षेत्र को खत्म करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और यह अभी भी जारी है।

विजयन यहां ‘सहकारण वरघोषम’ (जिसे मोटे तौर पर सहकारी सप्ताह समारोह के रूप में अनुवादित किया गया है) कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि केरल में सहकारी क्षेत्र बहुत मजबूत है, कुछ ताकतें इसकी बुनियाद को खत्म करने, राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और आम लोगों के जीवन को कष्ट की ओर धकेलने के मिशन पर हैं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सहकारी क्षेत्र को खत्म करने का प्रयास अचानक उठाया गया कदम है, बल्कि इसकी शुरुआत बहुत पहले ही हो गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ साल पहले केंद्र की ओर से की गई नोटबंदी और राज्य में सहकारी संस्थाओं को काले धन का अड्डा बताने वाला व्यापक अभियान ऐसी ही कोशिशों का हिस्सा था।

विजयन ने आरोप लगाया कि जो लोग केंद्र की सत्ता में हैं वे सहकारी क्षेत्र के पैसे को बड़े उद्योग समूहों की ओर मोड़ने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह साठगांठ वाले पूंजीवाद का समय है। इस कोशिश का असली मकसद सहकारी क्षेत्र के धन का उपयोग उनकी (बड़े औद्योगिक समूहों) मदद में करना है।’’

विजयन ने सहकारी क्षेत्र में भ्रष्टाचार और कदाचार में शामिल होने की कोशिश करने वाले व्यक्तियों और संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी चेतावनी दी।

उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों से कदाचार और उनके संस्थानों को खत्म करने के लिए उठाये जा रहे कदमों के खिलाफ अतिरिक्त सतर्कता बरतने को लेकर भी चेताया।

करोड़ों रुपये के करुवन्नूर बैंक घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में एक स्थानीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एवं वडक्कांचेरि नगर पार्षद पीआर अरविंदक्षन को गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने बैंक के एक पूर्व कर्मचारी सी के जिल्स को भी गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर बैंक निधि में पांच करोड़ रुपये की हेराफेरी की थी।

ईडी ने पहले बैंक से कथित तौर पर ‘बेनामी’ ऋण जारी करने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

माकपा नेता एवं विधायक ए सी मोइदीन से ईडी ने 11 सितंबर को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।

त्रिशूर स्थित बैंक में 2010 में शुरू हुई कथित धोखाधड़ी की जांच, केरल पुलिस (अपराध शाखा) द्वारा दर्ज की गई 16 प्राथमिकियों से जुड़ी है।










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