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DN Exclusive: तो क्या सिसवा नगर पालिका में फिलहाल नहीं होगा चेयरमैन और सभासदों का चुनाव?

कुछ ही दिनों बाद समूचे उत्तर प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव की रणभेरी बजने वाली है लेकिन महराजगंज जिले के सिसवा नगर पालिका में वर्तमान स्थिति में चुनाव टल सकता है। जानिये क्यों.. डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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DN Exclusive: तो क्या सिसवा नगर पालिका में फिलहाल नहीं होगा चेयरमैन और सभासदों का चुनाव?

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश से जिले के सिसवा इलाके में निकाय चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गयी है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक हर पांच साल पर होने वाले नगर निकाय के चुनाव पूरे राज्य में एक साथ नवंबर और दिसंबर महीने में होने हैं। 

महराजगंज जिले का सिसवा कस्बा नगर पंचायत था, जिसे सरकार ने बदलकर नगर पालिका का दर्जा दे दिया। नगर पंचायत से जब नगर पालिका बनी तो इसी साल मार्च में नये सिरे से चुनाव हुए। 

कहा गया कि इस बार का चुनाव आगामी 6 महीने तक ही प्रभावी रहेगा और सिसवा नगर पालिका में भी नवंबर-दिसंबर में पूरे प्रदेश के साथ नये सिरे से चुनाव होंगे। इसको लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दीं और इस बारे में 26 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर दी। 

इसी अधिसूचना के खिलाफ मार्च में चुनाव जीतीं शकुंतला देवी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची कि जब 6 महीने पहले नये सिरे से चुनाव हुए हैं तो उनका कार्यकाल पांच साल का होना चाहिये।

इस याचिका की सुनवाई के बाद डबल बेंच की पीठ ने आदेश दिया है कि 6 महीने पहले चुना बोर्ड पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगा।

अब आगे क्या?

जब डाइनामाइट न्यूज़ ने इस बारे में कानून के जानकारों से पूछा तो पता चला कि इस निर्णय के खिलाफ जिला प्रशासन, राज्य सरकार या कोई भी अन्य व्यक्ति अथवा संस्था इस निर्णय को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुर्नविचार याचिका के रुप में चुनौती दे सकता है अथवा सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है। इस निर्णय पर यदि स्टे मिला तभी सिसवा नगर पालिका में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित निकाय चुनावों के साथ चुनाव होगा अन्यथा यह चुनाव फिलहाल लटक जायेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यह आदेश WRIT-C 14031 of 2022, शकुंतला देवी बनाम उ.प्र. सरकार व 4 अन्य में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की डबल बेंच वाली पीठ ने सुनाया है। यह विस्तृत आदेश कुल 44 पेज का है। 

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