विशेष साक्षात्कार: सुभारती यूनिवर्सिटी की CEO डा. शल्या राज ने किया भविष्य की योजनाओं खुलासा

डीएन ब्यूरो

सुभारती यूनिवर्सिटी की गिनती आज देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में होती है। यूनिवर्सिटी की सीईओ डॉक्टर शल्या राज ने डाइनामाइट न्यूज़ के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में विभिन्न विषयों पर खुलकर बातचीत की। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट



मेरठ: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित सुभारती यूनिवर्सिटी ने कुछ ही वर्षों में सफलता के नये मुकाम हासिल किये हैं।

राष्ट्रीयता से ओत-प्रोत इस संस्था का सबसे प्यारा शब्द है "जय हिंद", स्वामी विवेकानंद से प्रेरित होकर स्थापित यह विश्वविद्यालय अगले साल अपनी स्थापना के दो दशक पूरे करेगा।

इस निजी विश्वविद्यालय की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) प्रोफेसर (डॉक्टर) शल्या राज ने डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश के साथ एक विशेष साक्षात्कार में विश्वविद्यालय की अब तक की यात्रा, शैक्षिक कार्यक्रमों और भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बातचीत की।

चुनौतियों का आना स्वाभाविक

मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत कई तकनीकी और गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों का संचालन और हजारों छात्रों की जिम्मेदारी से जुड़े एक सवाल के जवाब में डॉ. शल्या राज कहा कि हर बड़े काम में चुनौतियों का आना स्वाभाविक है। उनके माता-पिता ने उनको सब कुछ सिखाया लेकिन चुनौतियों से हारना नहीं। सभी को आगे बढ़ने के लिये चुनौतियों से निपटना ही पड़ता है।  

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माता-पिता विश्वविद्यालय के संस्थापक

सुभारती यूनिवर्सिटी की यात्रा के बारे में डॉ. शल्या ने बताया कि उनके माता-पिता इस विश्वविद्यालय के संस्थापक हैं और सबसे पहले यहां डेंटल कॉलेज खोला गया। उसके बाद विश्वविद्यालय के रूप में  2005 इसकी स्थापना हुई, जिसे 2008 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता मिली। 

यूनिवर्सिटी का मोटो शिक्षा, सेवा, संस्कार और राष्ट्र

डाइनामाइट न्यूज़ को डॉ. शल्या ने बताया कि यूनिवर्सिटी की स्थापना के पीछे उनके पिता की एक सोच रही हर युवा के मन में ये भावना हो की उसे देश के लिये काम करना है। जो भी प्रोफेशन वो चुने, उनका उद्देश्य देश को आगे बढ़ाना होना चाहिये। इसलिये यूनिवर्सिटी का मोटो शिक्षा, सेवा, संस्कार और राष्ट्र है।
 
उन्होंने बताया कि उनके पिता अभी भी कार्यरत हैं औऱ देहरादून में भी विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। 

विभिन्य पाठ्यक्रम

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डॉ. शल्या ने कहा कि हमारे यहां मेडिकल में डेंटल, निर्सिंग, फिजीयोथेरेपी, नेचरोथेरेपी, फार्मेसी समेत सभी तरह के कोर्स हैं। नॉन मेडिकल में इंजीनियरिंग, फाइन आर्ट्स, लॉ, जर्नलिज्म, होम साइंस समेत सभी तरह के 200 से अधिक कोर्स हैं। इसके अलावा डिस्टेंस एजूकेशन की भी हमारे पास मान्यता है।

बच्चों के लिये खोलूंगी स्कूल 

उन्होंने कहा कि हमारी अगली योजना बच्चों के लिये स्कूल खोलने की भी है क्योंकि पेरेंट्स का मानना है कि बच्चे यहां केजी से आएं और प्रोफेशनल बनकर इस यूनिवर्सिटी से बाहर निकले। हम इसी सपने के साथ आगे बढ़कर रहे हैं। यही हमारा अगला लक्ष्य है।










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