डीएम कार्यालय के लिपिक ने किया पांच करोड़ से ज्यादा का गबन, अब हुई ये कार्रवाई
सरकारी खजाने से पांच करोड़ रुपये से अधिक राशि का कथित तौर पर गबन कर इसका बड़ा हिस्सा अनैतिक कामों में उड़ाने के आरोप में इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय के 42 वर्षीय लिपिक को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
इंदौर: सरकारी खजाने से पांच करोड़ रुपये से अधिक राशि का कथित तौर पर गबन कर इसका बड़ा हिस्सा अनैतिक कामों में उड़ाने के आरोप में इंदौर के जिलाधिकारी कार्यालय के 42 वर्षीय लिपिक को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रावजी बाजार पुलिस थाने के प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि 5.68 करोड़ रुपये के गबन मामले में जिलाधिकारी कार्यालय की लेखा शाखा के लिपिक मिलाप चौहान (42) को गिरफ्तार किया गया है।
ठाकुर ने बताया कि जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने चौहान के अलावा 28 अन्य लोगों पर भी गबन मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है और अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
यह भी पढ़ें |
Indore: एमपी में पांच खालिस्तानी आतंकी गिरफ्तार,करते थे हथियार सप्लाई
उन्होंने बताया कि गबन के आरोपियों में जिलाधिकारी कार्यालय का एक अन्य लिपिक रणजीत करोड और चपरासी अमित निम्बालकर शामिल हैं।
अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) राजेश राठौर ने बताया कि गबन की शुरुआत वर्ष 2020 से हुई और जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ आरोपी अलग-अलग योजनाओं के हितग्राहियों को मिलने वाली रकम और अन्य सरकारी भुगतान की राशि अपने परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के करीब 25 बैंक खातों में फर्जीवाड़े के जरिये पहुंचाते रहे।
एडीएम ने बताया,‘‘हमें जानकारी प्राप्त हुई है कि चौहान ने गबन की राशि का बड़ा हिस्सा अनैतिक कामों और हवाई यात्राओं के जरिये पर्यटन में खर्च किया है।'
यह भी पढ़ें |
मध्यप्रदेश: चॉकलेट-खिलौनों की जिद पर पिता ने की आठ वर्षीय बेटी की हत्या, गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि जो सरकारी भुगतान ऑनलाइन अंतरण के वक्त किसी तकनीकी त्रुटि के चलते असफल हो जाते थे, उन्हें आरोपी अपने परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में फर्जीवाड़े के जरिये पहुंचा देते थे जबकि उन्हें संबंधित त्रुटि दूर करके वास्तविक हितग्राहियों तक रकम पहुंचानी चाहिए थी।