देवरिया नरसंहार में कोतवाल निलंबित, प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध
स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन महीने से चल रहे इस विवाद को प्रशासन ने गम्भीरता से नहीं लिया। ग्रामीणों ने इस प्रकरण में प्रशासनिक लापरवाही समेत राजस्व विभाग की संदिग्ध भूमिका की भी जांच कराने की मांग की है।
देवरिया: पेट्रोल पंप की जमीन को लेकर शनिवार को हुए नरसंहार के मामले में देवरिया के कोतवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस खूनी संघर्ष में तीन जाने चली गयी थी, जबकि आधे दर्जन से अधिक लोग घायल हुए। घायलों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस नरसंहार की घटना को लेकर आईजीडी, आईजी और मण्डलायुक्त ने देर शाम घटना स्थल का निरीक्षण किया और बाद में देवरिया के पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह में अधिकारियों से जानकारी ली।
तीन महीने से चल रहा था विवाद
स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन महीने से चल रहे इस विवाद को प्रशासन ने गम्भीरता से नहीं लिया। इस प्रकरण में प्रशासनिक लापरवाही और राजस्व विभाग की संदिग्ध भूमिका की भी जांच कराने की भी मांग की जा रही है।
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ग्रामीणों ने रुकवाया था काम
ग्रामीणों के अनुसार कोतवाली देवरिया क्षेत्र के सरोरा गांव में सड़क पर ग्राम समाज की जमीन पर स्थित हनुमान मंदिर के पीछे हरिशंकर पांडे की जमीन है। हरिशंकर पांडे ने वहाँ पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिये अपनी जमीन के आगे (मन्दिर से सड़क तक) बाउंड्री वाल का काम शुरू कराया, जिसे तब ग्रामीणों ने रुकवा दिया।
लाठी, रायफल, तलवार से हमला
प्रशासन व राजस्व विभाग ने हरिशंकर पांडे को सीमांकन के बाद काम कराने की बात कही। ग्रामीणों के मुताबिक शुक्रवार को बाउंड्री को काम हेतु लाठी, डंडा रायफल तलवार आदि से लैस होकर दर्जनों लोग वहां पहुंचे और काम शुरू कर दिया। इसका विरोध करने पर वे आक्रामक हो गये। लाठी, रायफल, तलवार से हमला किया गया, जिसमें 2 लोग घटना स्थल पर ही मारे गए और एक की अस्पताल ले जाते समय रास्ते मे मौत हो गयी। दो गम्भीर लोग जीवन मृत्यु से मेडिकल कालेज में जूझ रहे हैं।
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पूर्व सपा विधायक दीनानाथ कुशवाहा ने इस घटना की निंदा करते हुए इसमें राजस्व विभाग व प्रशासन की भूमिका की जांच कर मृतकों को 20-20 लाख देने की मांग की है।