नौकरी आरक्षण नीति की समीक्षा की मांग, वीपीपी प्रमुख का अनशन, जानिये ये बड़े अपडेट

मेघालय में विपक्षी ‘वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी’ (वीपीपी) के प्रमुख अर्देंट बसैयावमोइत ने राज्य सरकार पर 1972 की आरक्षण नीति की समीक्षा करने का दबाव बनाने के लिएअनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की और दावा किया कि यह नीति ‘अनुचित और पुरानी’ है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 24 May 2023, 12:51 PM IST
google-preferred

शिलांग: मेघालय में विपक्षी 'वॉयस ऑफ द पीपल्स पार्टी' (वीपीपी) के प्रमुख अर्देंट बसैयावमोइत ने राज्य सरकार पर 1972 की आरक्षण नीति की समीक्षा करने का दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की और दावा किया कि यह नीति 'अनुचित और पुरानी' है।

राज्य सरकार द्वारा 1972 से ही गारो और खासी समुदाय के लिए 40-40 फीसदी नौकरियां आरक्षित हैं जबकि पांच फीसदी नौकरियां राज्य में रहने वाली अन्य जनजातियों के लिए और शेष 15 फीसदी नौकरियां सामान्य वर्ग के लिए हैं।

राज्य में 60 सदस्यीय विधानसभा में चार विधायकों वाली वीपीपी इस नीति की समीक्षा की मांग कर रही है। वीपीपी का कहना है कि यह नीति खासी जनजाति के लिए अनुचित है जिसकी आबादी पिछले कुछ वर्षों में गारो जनजाति से अधिक हो गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार तीन बार विधायक रह चूके बसैयावमोइत ने  कहा, 'मैं यह मांग करते हुए भूख हड़ताल कर रहा हूं कि राज्य सरकार राज्य में आदिवासियों के लिए 1972 की नौकरी आरक्षण नीति की समीक्षा करे। मैं अनिश्चितकालिन भूख हड़ताल के अपने फैसले पर अडिग हूं।'

वह यहां राज्य सचिवालय के सामने अनशन पर बैठे हैं।

Published : 
  • 24 May 2023, 12:51 PM IST

Related News

No related posts found.