Delhi Riot Case: उपराज्यपाल ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित मामले में छह लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत से संबंधित मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी


नयी दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत से संबंधित मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार घटना में न्यू मुस्तफाबाद निवासी 25 वर्षीय शाहिद उर्फ अल्लाह मेहर की 24 फरवरी को हत्या कर दी गई थी। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच के दौरान यह सामने आया कि संशोधित नागरिकता विधेयक (सीएएए) का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी, जिसके कारण दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में दंगे हुए।

मामले में प्राथमिकी एक मार्च, 2020 को दयालपुर थाने में मोहम्मद फिरोज, चांद मोहम्मद, रईस खान, मोहम्मद जुनैद, इरशाद और अकील अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूह के लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 505 (सार्वजनिक शरारत पैदा करने वाले बयान) के तहत दंडनीय अपराध करने के लिए दर्ज की गई थी।

अधिकारियों के मुताबिक, छह आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे दंगों में शामिल थे। वे सप्तर्षि इस्पात एंड अलॉयज प्राइवेट लिमिटेड की इमारत में जबरदस्ती घुस गए थे और अन्य दंगाइयों के साथ कंपनी के कार्यालय को लूट लिया था। पीड़ित को कार्यालय की छत पर गोली मारी गई।

मामले की जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई जिसने गवाहों से पूछताछ की और एक टीवी चैनल के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो सहित एकत्र किए गए सबूतों का विश्लेषण किया। उपराज्यपाल ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 की धारा 196 (1) के तहत अभियोजन की मंजूरी दे दी है।










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