दिल्ली में गोरखाओं का प्रदर्शन, कहा- सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी भूले गोरखालैंड का वादा

बीती 25 जनवरी से राजधानी दिल्ली में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा संगठनों के लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अलग राज्य की मांग पर उन्होंने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 February 2018, 5:48 PM IST
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नई दिल्ली: दार्जिलिंग से आए कई गोरखा संगठन देश की राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। अलग राज्य की मांग पर उन्होंने पीएम मोदी पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया। गोरखाओं का कहना है कि 2014 के चुनावों में नरेन्द्र मोदी ने अलग गोरखालैंड बनाने की बात की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद वो अपना वादा भूल गये।

प्रदर्शनकारी बीती 25 जनवरी से दिल्ली के जंतर-मंतर में अपनी मांगों को लेकर धरने पर अड़े हुए हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि पश्चिम बंगाल से अलग कर उनको नए राज्य गोरखालैंड दिया जाए। प्रदर्शन की अध्यक्षता करने वाले नरेश कुमार राय अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार को कई बार ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

नरेश कुमार ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अलग गोरखालैंड बनाने का वादा किया था। इसके लिये उन्होंने दार्जिलिंग से लगातार दो बार अपने सांसद भाजपा को भी दिए, लेकिन भाजपा अब इसको भूल गयी है। 

उन्होंने कहा कि हम गोरखाओं ने शुरू से ही देश की सेना में अदम्य साहस का परिचय देते हुए कई कुर्बानियां दी है। आज वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गोरखालैंड की मांग को दबाया जाना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से उनका कोई भी सरोकार नहीं है वहां की भाषा और संस्कृति का गोरखाओं से कोई तालमेल नहीं है।

नरेश कुमार ने कहा कि भाषा व संस्कृति के आधार पर अलग राज्य बनाया जा सकता है, लेकिन सरकार इसकी अनदेखी कर रही है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार भी उनकी आवाज दबा रही है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से गोरखालैंड की मांग बड़ी तेजी से उठ रही है, बीते वर्ष दार्जिलिंग में हिंसक प्रदर्शन भी हुए। जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।
 

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