Site icon Hindi Dynamite News

Delhi Flood: यमुना के जलस्तर में लगातार गिरावट के बाद भी खतरे के निशान से ऊपर है नदी, पढ़ें ताजा अपडेट

दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर में मंगलवार को भी गिरावट देखने को मिली, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Delhi Flood: यमुना के जलस्तर में लगातार गिरावट के बाद भी खतरे के निशान से ऊपर है नदी, पढ़ें ताजा अपडेट

नयी दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर में मंगलवार को भी गिरावट देखने को मिली, लेकिन यह अभी भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, मंगलवार दोपहर 12 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ओआरबी) पर जलस्तर 205.4 मीटर था।

ओल्ड रेलवे ब्रिज पर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास बना हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से नदी में पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था।

जलस्तर बढ़ने के कारण रेलवे ने रविवार रात ओआरबी पर रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया था।

अधिकारियों ने बताया कि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है।

सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर सोमवार तड़के तीन बजे 206.57 मीटर पर पहुंच गया, जिसके बाद इसमें गिरावट आने लगी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 27 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।

दिल्ली को इस महीने अप्रत्याशित जलभराव और बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

शुरुआत में, आठ और नौ जुलाई को अत्यधिक बारिश से भारी जलभराव हुआ और इन दो दिनों में शहर में मासिक कोटे की 125 प्रतिशत बारिश हुई।

इस बीच, यमुना नदी के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा समेत ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश से जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

विशेषज्ञों ने दिल्ली में अभूतपूर्व बाढ़ के लिए यमुना के बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण, थोड़े अंतराल में अत्यधिक वर्षा और गाद संचय को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ गया है।

Exit mobile version