रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 9 से 12 अक्टूबर तक जाएंगे इन देशों के दौरे पर, जानिये पूरा कार्यक्रम

डीएन ब्यूरो

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्विपक्षीय सामरिक भागीदारी बढ़ाने तथा सैन्य उपकरणों के संयुक्त विकास के मद्देनजर औद्योगिक सहयोग तलाशने के लिए सोमवार से इटली और फ्रांस की चार दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह


नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्विपक्षीय सामरिक भागीदारी बढ़ाने तथा सैन्य उपकरणों के संयुक्त विकास के मद्देनजर औद्योगिक सहयोग तलाशने के लिए सोमवार से इटली और फ्रांस की चार दिवसीय यात्रा शुरू करेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि दो देशों की यात्रा के पहले चरण में सिंह रोम जाएंगे, जहां वह इटली के रक्षा मंत्री गुइदो क्रिसेतो से व्यापक चर्चा करेंगे।

मार्च में इतालवी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान भारत और इटली के बीच सामरिक साझेदारी मजबूत हुई थी।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नौ से 12 अक्टूबर तक इटली और फ्रांस की यात्रा करेंगे।’’

पेरिस में सिंह फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु के साथ पांचवें वार्षिक भारत-फ्रांस रक्षा संवाद में भाग लेंगे।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारत और फ्रांस ने हाल में रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे किए। दोनों देशों के अहम औद्योगिक सहयोग समेत गहरे और व्यापक द्विपक्षीय रक्षा संबंध हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘रोम और पेरिस में रक्षा मंत्री औद्योगिक सहयोग के संभावित अवसर पर चर्चा करने के लिए रक्षा उद्योग के सीईओ और वरिष्ठ प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे।’’

अधिकारियों ने बताया कि रोम और पेरिस में सिंह की बातचीत में सैन्य मंचों के संयुक्त विकास की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी।

इस बीच, राफेल विमान के 26 नौसैन्य संस्करण की भारत की प्रस्तावित खरीद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए दसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एरिक ट्रैपियर के इस सप्ताह नयी दिल्ली आने की संभावना है।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि ट्रैपियर खरीद पर प्रारंभिक बातचीत के लिए दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को दिल्ली आएंगे। बहरहाल, दसॉल्ट एविएशन ने इस यात्रा की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जुलाई में फ्रांस गए थे और उस दौरान दोनों देशों ने विमानों और हेलीकॉप्टरों के इंजन के संयुक्त विकास और भारतीय नौसेना के लिए तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के निर्माण समेत कई महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग परियोजनाओं की घोषणा की थी।










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