महराजगंज में भष्टाचार का ‘बांध’ फूटा, बैराज निर्माण में 2.29 करोड़ का घोटाला उजागर, दो चीफ इंजीनियरों समेत चार के खिलाफ एक्शन, जानिये पूरा अपडेट
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में रोहिन नदी पर बैराज निर्माण में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। कुल 2.29 करोड़ का घोटाले दो मुख्य अभियंताओं समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
महराजगंज: जनपद में लगभग डेढ़ दशक बाद भष्टाचार का ‘बांध’ आखिरकार फूट गया और बड़ा घोटाला उजागर हो गया। सिंचाई विभाग के तत्कालीन दो अभियंताओं समेत चार आरोपियों के खिलाफ रोहन नदी पर बैराज निर्माण के नाम पर किया गया 2.29 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भ्रष्टाचार के इस मामले में गंडक सिंचाई विभाग गोरखपुर के दो मुख्य अभियंताओं और दो अधीक्षण अभियंताओं के खिलाफ महराजगंज जनपद की सदर कोतवाली में गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है। ये सभी आरोपी रिटायर हो चुके हैं। यह मुकदमा सहायक अभियंता द्वितीय सिंचाई खंड प्रथम बृजेश सोनी ने दर्ज कराया है।
मामला दर्ज, सिंचाई विभाग में मचा हड़कंप
कोतवाली पुलिस द्वारा लगभग 15 सालों बाद इस मामले में धारा 409 आईपीसी के तहत यह केस दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद सिंचाई विभाग में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है उक्त चार अभियंताओं के अलावा कुछ अन्य नाम भी इस मामले सामने आ सकते हैं।
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सरकार से 4.37 करोड़ हुए थे मंजूर
डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक लगभग वर्ष 2008 में रोहिन नदी पर नौतनवा क्षेत्र के मिश्रवलिया गांव के सामने
पानी रोकने के लिए छोटा बांध बनाने को मंजूरी मिली थी। इसके लिए सरकार से 4.37 करोड़ मंजूर हुए थे। इस निर्माण के लिए विभाग को 2.29 करोड़ रुपये मिल भी गए।
2.29 करोड़ में बना बैराज बाढ़ में हुआ ध्वस्त
आरोप है कि अधिकारियों ने स्वीकृत किये गये छोट बांध (बीयर) के स्थान पर मनमाने ढंग से बैराज निर्माण का कार्य शुरू करावाया। बिना विभागीय अनुमति के 2.29 करोड़ में बैराज का निर्माण करा दिया। शासन की मंजूरी के बिना बना यह बैराज अगस्त 2008 में आई बाढ़ में ध्वस्त हो गया, जिसके जांच के आदेश दिये गये।
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बिना शासकीय मंजूरी के बना था बैराज
बैराज के टूटने की जांच रिपोर्ट सामने आने पर यह घोटाला सामने आया। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि बिना शासकीय मंजूरी के बैराज का निर्माण कराया गया। मिट्टी की जांच भी नहीं कराई गई और कई शासकीय मंजूरी लिये बिना ही बैराज बनाया गया। आरोपियो ने डिजाइन को भी बदला। आरोपियों की लापरवाही सरकार को भारी क्षति उठानी पड़ी।
वे चार अभियंता, जिनके खिलाफ दर्ज हुआ नामजद मुकदमा
सिंचाई खंड प्रथम के सहायक अभियंता द्वितीय की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने भष्टाचार के इस मामले में दो मुख्य अभियंता गंडक बटुकेश्वर प्रताप सिंह व कृष्ण देव शुक्ल एवं दो अधीक्षण अभियंता अवध कुमार सिंह व दिलीप कुमार दास के खिलाफ संबंधित धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया है। क्षति हुई धनराशि की वसूली के लिए अब जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।