ODF Plus Scheme: ग्रामनिधि के खातों में डंप है करोड़ों रूपये पर जिम्मेदारों की लापरवाही से उपलब्धि महज 7 फीसदी, जाने पूरा माजरा

परतावल ब्लाक में ओडिएफ प्लस योजना में लापवाही चरम पर है। ग्रामनिधि के खाते में करोड़ों रूपये डंप है लेकिन जिम्मेदारों की ढिलाई से शासन से मिला धन खर्च नहीं हो सका है। इनकी उपलब्धि महज 7 फीसदी ही है। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरा माजरा

Updated : 27 January 2023, 3:56 PM IST
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महराजगंजः जिम्मेदारों की लापरवाही से परतावल क्षेत्र में ओडिएफ प्लस योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों की हवा निकल गई है। विकास न होने से चार ग्राम पंचायतों की स्थिति बेहद खराब है। इन ग्राम पंचायतों के खातें में करोड़ों रुपये डंप हैं लेकिन विकास की उपलब्धि महज 7 फीसदी ही है। इससे अंदाज लगाना सहज है कि जब शासन से मिले धन को खर्च ही नही किया जा रहा है तो विकास किस कदर हो रहा होगा, इसे हर लोग आसानी से समझ रहे हैं।
आलम यह है कि इन गांवों की सड़कों पर बह रहा गंदा पानी और चहुंओर कूड़ा करकट का अंबार बदहाली की गवाही दे रही है। जबकि समीक्षा बैठक में एक सप्ताह के अंदर मिले धन को खर्च करने की सख्त हिदायत दी गई थी। लेकिन हुक्मरानों का आदेश बेअसर साबित हो रहा है।

बड़हरा बरईपार की हालत बेहद खराब
ओडिएफ प्लस योजना में चयनित ग्राम पंचायतों में सबसे खराब स्थिति बड़हरा बरईपार की है। ग्राम पंचायत में सड़क, नाली, खड़ंजा आदि तमाम विकास कार्य के लिए शासन से 54 लाख 21 हजार रूपया मिला था लेकिन अभी तक महज 4 लाख 14 हजार 313 रूपये ही खर्च हो सका है। जो उपलब्धि महज 7 फीसदी है।

बसहिया बुजुर्ग में भी विकास ठप
बसहिया बुजर्ग ग्राम पंचायत में भी विकास पूरी तरह से ठप है। यहां भी जिम्मेदारों की ढिलाई सामने आई है। इस गांव के विकास के लिए शासन से 37 लाख 56914 रूपया मिला है, लेकिन मात्र 10 लाख 14523 रूपया ही खर्च हो सका है। जो उपलब्धि 27 फीसदी है।

लखिमा में विकास की निकली हवा
लखिमा ग्राम पंचायत में विकास की हवा निकल गई हैै। यहां चहुंओर समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। इन समस्याओं से निपटने के लिए शासन से 44 लाख 58 हजार रूपया मिला था, लेकिन महज 5 लाख 29 हजार 961 रूपया ही खर्च हो पाया है। जो उपलब्धि मात्र 12 फीसदी है।

नटवा में विकास का दावा हवा-हवाई
नटवा ग्राम पंचायत में विकास का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। गांव को ओडिएफ प्लस योजना के तहत विकास करने के लिए शासन स्तर से 48 लाख 23500 रूपया मिला था, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से अभी तक मात्र 345802 रूपया ही खर्च हो सका है। जो उपलब्धि महज 7 फीसदी ही है।

क्या बोले डीपीआरओ
डीपीआरओ यावर अब्बास ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि इन ग्राम पंचायतों को मिले धन को एक सप्ताह के अंदर खर्च करने का निर्देश दिया गया था लेकिन ब्लॉक स्तर पर तैनात एडीओ पंचायत की लापरवाही से शासन स्तर से मिले धन को खर्च नही किया जा रहा है जो चिंता जनक है। ऐसे जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।