कांग्रेस ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, जानिये जवाब में क्या बोले पूर्व विधायक, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा उन्हें जारी किये गये कारण-बताओ नोटिस को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और दावा किया कि यह एक ‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा है, क्योंकि वह पार्टी नेताओं के कामकाज के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते रहे हैं।
मुंबई: पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा उन्हें जारी किये गये कारण-बताओ नोटिस को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और दावा किया कि यह एक ‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा है, क्योंकि वह पार्टी नेताओं के कामकाज के तौर-तरीकों पर सवाल उठाते रहे हैं।
देशमुख ने दावा किया कि बिना किसी ठोस कारण के उन्हें ‘बेबुनियाद’ नोटिस जारी करके प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी की उस लोकतांत्रिक भावना का अपमान किया है जिसके लिए पार्टी एक सदी से भी अधिक समय से जानी जाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने हाल में देशमुख को राज्य के पार्टी नेतृत्व के विरूद्ध उनकी सार्वजनिक बयानबाजी को लेकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।
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देशमुख नागपुर में कटोल से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक हैं और वह बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये थे। वह 2019 में नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट पर भाजपा नेता एवं अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी थे। वह प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रमुख रंजीत देशमुख के बेटे हैं।
बुधवार को उन्हें प्रदेश कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने उनकी इस टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पैसे मिलते हैं। अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण हैं।
देशमुख ने यह भी कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी उपनाम’ वाली अपनी टिप्पणी को लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से माफी मांगनी चाहिए।
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देशमुख ने कारण बताओ नोटिस पर भेजे गए अपने जवाब में कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना किसी ठोस कारण के मुझे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया।’’
राहुल गांधी पर अपने बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि सही निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए उसके संदर्भ को समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘ माननीय राहुल जी के बयान का इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है कि मानो उन्होंने पूरे ओबीसी समुदाय का अपमान किया हो। हम इस व्याख्या से सहमत हैं या नहीं, यह एक अलग बात है। लेकिन राहुल जी को मेरा सुझाव पार्टी के हित में है। मेरा मतलब है था कि यदि ओबीसी समुदाय में कांग्रेस के विरूद्ध तनिक भी भावना है तो हमें माफी मांग लेनी चाहिए और इस मामले पर पूर्ण विराम लगा देना चाहिए।’’