DN Exclusive: रिश्वतखोरी में जेल पहुंचे महराजगंज जिले निवासी DPRO रमेश चंद्र त्रिपाठी की पूरी कुंडली, आय से अधिक संपत्ति की कब होगी जांच?

उत्तर प्रदेश में महराजगंज जिले के मूल निवासी जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) रमेश चंद्र त्रिपाठी इन दिनों सुर्खियों में हैं। उत्तराखंड के रुद्रपुर में रिश्वत लेते रंगे हाथों विजिलेंस टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये त्रिपाठी की करतूत से उनके गांव का नाम बदनाम हो गया है और पुश्तैनी घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 27 August 2023, 3:10 PM IST
google-preferred

उधम सिंह नगर/महराजगंज: भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे रिश्वतखोर जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) रमेश चंद्र त्रिपाठी की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिये है। विजिलेंस टीम द्वारा उधम सिंह नगर के रुद्रपुर स्थित मेट्रोपोलिश मॉल के पास एक लाख की घूस लेते समय भ्रष्ट डीपीआरओ (DPRO) की गिरफ्तारी के बाद से विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है।

भ्रष्ट अधिकारी कब होगा बर्खास्त

गिरफ्तारी के बाद त्रिपाठी के घर से बरामद की गई 25.71 लाख की नकदी ने डीपीआरओ के भ्रष्टाचार के लंबे इतिहास को उजागर कर दिया है। मामले के बाद भले ही इस अधिकारी को सरकार ने निलंबित कर दिया हो लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस भ्रष्ट अधिकारी को कब बर्खास्त किया जायेगा? और उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला कब दर्ज होगा? 

विजिलेंस टीम को देख गिरफ्तारी से भागने लगा डीपीआरओ

पैतृक गांव ललाईन पैसिया हुआ बदनाम, घर में पसरा सन्नाटा

रमेश चंद्र त्रिपाठी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद में पुरंदरपुर थाने क्षेत्र में स्थित ललाईन पैसिया गांव के मूल निवासी है। त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद डाइनामाइट न्यूज़ टीम उनके पैतृक गांव और घर पर पहुंची।त्रिपाठी को पीसीएस अफसर के रूप में (संबद्ध) किये जाने के वक्त उनके गांव और घर में खूब जश्न मनाया गया था। यहां के लोगों ने तब उनकी उपलब्धि पर गर्व जताया था लेकिन अब उनकी करतूत के कारण गांव वाले बदनाम महसूस कर रहे हैं। त्रिपाठी के घर में सन्नाटा पसरा हुआ है और शर्मिंदगी का आलम यह है कि कोई भी बात करने को तैयार नहीं है। 

महराजगंज स्थित त्रिपाठी का मूल घर

तीसरी बार उधम सिंह नगर में तैनाती

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक रमेश चंद्र त्रिपाठी 2005 बैच के पीसीएस (संबद्ध) अफसर हैं। डीपीआरओ के रूप में तीसरी बार उधम सिंह नगर जिले में त्रिपाठी की इस बार तीसरी मर्तबा तैनाती हुई थी। यह चर्चा भी जोरों पर है कि उनका बीच में हरिद्वार तबादला किया गया लेकिन ‘कमाई’ न होने के कारण उनका मन वहां नहीं लगा और वे किसी तरह जुगाड़ करके फिर से ऊधम सिंह नगर में तैनाती पाने में सफल हो गये।  

पैतृक गांव ललाईन पैसिया हुआ बदनाम

बिल पास कराने के एवज में घूसखोरी की आदत 

बताया जाता है कि ठेकेदारों से बिल पास कराने के एवज में घूस की फरमाइश करना इस अफसर की बेहद पुरानी आदत रही है और इस मामले में ऊधम सिंह नगर के ठेकेदारों में उनकी खासी चर्चा होती रही है। यही कारण है कि त्रिपाठी के खिलाफ पहले भी कुछ शिकायतें सामने आई थीं लेकिन इसे त्रिपाठी का रसूख कहें या सरकारी शिथिलता की ये शिकायतें अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। 

रिश्वत के लिए रौब झाड़ना पड़ा महंगा, पीड़ित ठेकेदार ने सिखाया सबक

इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यहां नगर निगम कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आये तो एक ठेकेदार ने उनसे त्रिपाठी की शिकायत करने की कोशिश की थी, लेकिन तब उसकी सीएम से मुलाकात नहीं हो सकी और बात आई-गई हो गई। लेकिन इस बार त्रिपाठी के रिश्वत की रौब से पीड़ित ठेकेदार रिंकू सिंह की शिकायत सही पाये जाने के बाद भ्रष्ठ अफसर पर शिंकजा कसा जा सका।   

रिश्वतखोर डीपीआरओ रमेश चंद्र त्रिपाठी 

रिश्वत के बूते पर बेनामी संपत्ति, कब होगी आय से अधिक संपत्ति की जांच

यह भी चर्चा जोरों पर है कि रिश्वत के बूते पर त्रिपाठी अब तक कई अकूत बेनामी संपत्ति हासिल कर चुका है, जो उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर मौजूद है। कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि गिरफ्तारी के बाद निलंबित किये जा चुके त्रिपाठी के खिलाफ यदि आय से अधिक संपत्ति की जांच होती है तो उसकी बर्खास्तगी और सजा निश्चित है। अफसर से घर से बरामद लाखों की नकदी इस बात का इशारा करती है कि त्रिपाठी ने आय से अधिक स्रोतों से खूब कई काली कमाई की।

सूत्रों का कहना है कि महराजगंज और गोरखपुर जनपद सहित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस रिश्वतखोर भ्रष्ट डीपीआरओ ने अपनी काली कमाई को अज्ञात नामों से छिपा रखा है, इनमें बड़े पैमाने पर जमीनों में निवेश शामिल है। 

भ्रष्टाचार का इतिहास कब होगा उजागर

अब देखना है कि सरकार और विभाग त्रिपाठी के खिलाफ किस तरह जांच को आगे बढाता है ताकि उसका कथित भ्रष्टाचार का पूरा इतिहास उजागर हो सके और कानून उसको सबक सिखा सके। 

Published : 
  • 27 August 2023, 3:10 PM IST

Related News

No related posts found.