फरिश्ते योजना पर एलजी और दिल्ली सरकार में टकराव, पढ़िए पूरी खबर
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर 'फ़रिश्ते' योजना में ''जिम्मेदारियों से बचने'' का आरोप लगाया है और इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि उन्होंने इस योजना को रोकने के लिए उन्हें जिम्मेदार बताते हुए उच्च्तम न्यायालय में मामला दायर किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर 'फ़रिश्ते' योजना में ''जिम्मेदारियों से बचने'' का आरोप लगाया है और इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि उन्होंने इस योजना को रोकने के लिए उन्हें जिम्मेदार बताते हुए उच्च्तम न्यायालय में मामला दायर किया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक बयान में आरोप लगाया कि उपराज्यपाल को अधिकारियों ने गलत सूचना दी है, तथा उनके (अधिकारियों के) विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की ।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 14 दिसंबर को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा, ‘‘मैं मूल बात रिकार्ड में रखना चाहूंगा कि संबंधित योजना और उसका क्रियान्वयन स्वास्थ्य एवं वित्त विभागों के अंतर्गत आता है जो संविधान के अनुसार पूरी तरह अंतरित विषय है तथा पूर्ण रूप से आपके और आपके मंत्रियों के नियंत्रण में हैं।’’
उपराज्यपाल ने अपने पत्र में खबरों का हवाला दिया है जिसके अनुसार दिल्ली के वकील ने उच्चतम न्यायालय के सामने उपराज्यपाल पर सड़क हादसों के शिकार लोगों पर केंद्रित फरिश्ते योजना को रोकने का आरोप लगाया है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सक्सेना ने कहा, ‘‘ऐसे विभाग जो अंतरित हैं, उनके तहत आन वाले योजनाओं आदि की विफलता का ठीकरा किसी अन्य, कम से कम उपराज्यपाल, के सिर फोड़ने की कोशिश कुछ नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हरकत है जिसका मकसद जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना तथा अपनी विफलताओं के लिए दूसरे को दोषी ठहराना है।’’
उपराज्यपाल ने लिखा कि 2022-23 के दौरान फरिश्ते योजना में 3,698 लाभार्थी थे जबकि 2023-24 में सात महीने में ये 3,604 हैं।